बाराबंकी में जहरीली शराब पीने से 21 की मौत, आबकारी निरीक्षक गिरफ्तार; 15 अफसर सस्पेंड

जिला आबकारी अधिकारी रामनगर के सीओ एसएचओ व आबकारी निरीक्षक सहित 15 को निलंबित कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि दुकानदार नकली शराब बनाकर बेचता था।



बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मंगलवार को जहरीली शराब पीने से 21 की मौत हो गई। वहीं, 53 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। मरने वालों मेंं एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। हालांकि प्रशासन 12 लोगों के मरने की ही आधिकारिक पुष्टि कर रहा है। पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। आरोपितों पर रासुका लगाने की तैयारी की जा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। वहीं मंगलवार को निलंबित किये गए आबकारी निरीक्षक राम तीर्थ मौर्य को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। अब तक कुल छह आरोपित पकड़े गए। 


एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि 32 पीड़ितों को लखनऊ तथा 10 को बाराबंकी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लखनऊ में भर्ती चार मरीजों की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि फरार आरोपित जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे।


यह शराब अलग-अलग गांव के ग्रामीणों ने रामनगर क्षेत्र के एक सरकारी देशी शराब की दुकान से खरीद कर पी थी। ऐसे में पीने वाले व मरने वालों के बारे में सही आकलन करना मुश्किल हो रहा है। वहीं, पूरे मामले में मंगलवार को जिला आबकारी अधिकारी, रामनगर के सीओ, एसएचओ व आबकारी निरीक्षक सहित 15 को निलंबित कर दिया गया था।


मामले में पुलिस ने शराब की दुकान के अनुज्ञापी (लाइसेंस धारक) दानवीर सिंह निवासी बहराइच समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सेल्समैन सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित दानवीर सिंह और पप्पू जायसवाल पर 20-20 हजार की इनाम घोषित किया गया है। सोमवार को रानीगंज ठेके से शराब खरीदकर पीने वालों की तबीयत रात से ही खराब होने लगी थी। हालात बिगड़ने पर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) सूरतगंज, फतेहपुर व रामनगर ले जाया गया। जहां से जिला अस्पताल और फिर लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन सीएचसी से लखनऊ तक मौतों का सिलसिला जारी रहा।


अफसरों की संलिप्तता की भी जांच


जांच समिति इस घटना में आबकारी विभाग, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच भी करेगी। इसके अलावा जहरीली शराब की आपूर्ति का स्रोत क्या है? इसके लिए कौन जवाबदेह है? इससे पहले दिए गए आदेशों के अनुपालन में क्या शिथिलता बरती गई? इसका भी उल्लेख होगा। साथ ही समिति ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सुझाव भी देगी।


घटना की जांच के लिए कमिश्नर, आईजी अयोध्या और आयुक्त आबकारी की जांच समिति बनाई गई है, 48 घंटे में रिपोर्ट देगी। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि 16 को KGMU रेफर किया गया है। बाद मेें पीडि़तोंं का आंकड़ा बढ़ गया। लोहिया और बलरामपुर अस्पताल में भी पीड़ित लोगों के इलाज की व्यवस्था की गई है।


वहीं, जिले में एक दर्जन लोगों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। देशी शराब रामनगर क्षेत्र के ग्राम रानीगंज बाजार स्थित ठेके से खरीदी गई थी। ऐसे में पीने वाले व मरने वालों के बारे में सही आंकलन करना मुश्किल हो रहा है।


प्रकरण में सीओ पवन गौतम और इंसपेक्टर रामनगर राजेश कुमार को निलंबित किया है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संवेदना व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उधर, एडीजी राजीव कृष्णा के मुताबिक, आरोपित की शराब की दुकान सील कर दी गई है। इसके साथ ही आरोपित सेल्समैन सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया। जिन घरों में शराब की बोतल मिली है, वहां पर फोरेंसिक टीम छानबीन कर रही है।


एक ही परिवार के चार की मौत 
मरने वालों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। जिसमें तीन भाई रामेश कुमार(35)पुत्र छोटेलाल, सोनू (25)पुत्र छोटेलाल, मुकेश (28) पुत्र छोटे लाल के साथ उनके पिता छोटेलाल (60) पुत्र घूरू की मौत हो गई। रमेश की पत्नी रामावती ने बताया कि घर में लाशें उठाने वाला भी कोई नहीं बचा।


उधर, सूचना मिलते ही मौके पर बाराबंकी जिलाधिकारी उदयभानु त्रिपाठी पहुंचे और घटना का जायजा लिया। 


नकली शराब बनाकर बेचने का आरोप 
इलाके के लोगों का आरोप है कि दानवीर सिंह के ठेके से नकली शराब बनाकर बेची जाती थी। उनका ग्रामीण इलाके में शराब की अवैध फैक्ट्री है। वह यहां पर नकली शराब बनवाकर अपने सरकारी ठेके से बेचते थे। आरोप है कि सरकार की ओर से आने वाली शराब की बोतलों में उतना फायदा नहीं होता, जितना नकली शराब बनाकर बेचने में होता है इसलिए वह नकली शराब बनाकर दो से तीन गुना फायदा कमाते थे।


सीओ व इंसपेक्टर निलंबित, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश 
उधर, डीजीपी ओपी सिंह ने प्रकरण में जिले के सीओ पवन गौतम और इंसपेक्टर रामनगर राजेश कुमार को निलंबित किया है। इसके साथ ही मामले में तीन हेड कांस्टेबल और सर्कल के पांच कांस्टेबल को निलंबित किया गया है। यूपी के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दूबे को सस्पेंड कर दिया। वहीं, मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संवेदना व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव आबकारी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 


जांच कमेटी का गठन, 48 घंटे में देगी रिपोर्ट 
कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि छह लोगों की मौत हुई है। सभी मृतकों के परिवारीजन को दो-दो लाख रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्य सचिव आबकारी को जांच सौंपी गई है। आबकारी आयुक्त अयोध्या ने नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी 48 घंटे में रिपोर्ट देगी। इसके बाद लापरवाही करने वालों को चिन्हित किया जाएगा और कार्रवाई होगी। इस मामले में राजनीतिक साजिश की जांच होगी।


इससे पहले भी हुईं थी मौतें 
बता दें, 11 जनवरी 2018 को जिले के देवा और रामनगर क्षेत्र में 24 घंटे के अंदर 11 लोगों की मौत हुई थी। सभी को पेट दर्द व उल्टी-दस्त की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रथमदृष्टया मौतों का कारण शराब अथवा स्प्रिट का सेवन बताया जा रहा था। बारांबंकी के गांव सलारपुर में दावत करने वाले राम नरेश के पिता अर्जुन को पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। मरने वालों में देवा थाना क्षेत्र के मुनियापुरवा निवासी कमलेश (26) पुत्र बैरागी, ग्राम रीवां रतनपुर निवासी उमेश (22) पुत्र राम हरख, सलारपुर गांव निवासी सत्यनाम (30) पुत्र मेढ़ीलाल, ग्राम ढिढोरा मजरे सलारपुर निवासी राकेश (40) पुत्र नौमीलाल, मुनियापुरवा मजरे ताजपुर निवासी रामफल (27) पुत्र बैरागी, कचहरान निवासी मुन्ना बाल्मीकि (35), हुज्जाजी मुहल्ले के निवासी संजय, देवगांव निवासी नौमीलाल (40) पुत्र गंगाराम, जसनवारा गांव के माता प्रसाद (50) व रामनगर थाना क्षेत्र के थालखुर्द गांव निवासी अवनीश (29) और कांशीराम (28) शामिल थे।