याददाश्त करनी है तेज तो रोजाना खाएं अखरोट


अखरोट प्रेमियों को अपना पसंदीदा मेवा खाने की एक और वजह मिल गई है। कैलिफोर्निया वॉलनट्स के हालिया अध्ययन में अखरोट को याददाश्त और तार्किक क्षमता दुरुस्त रखने में कारगर करार दिया गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक अखरोट कई अहम खनिजों के अलावा फाइटोकेमिकल, पॉलीफेनॉल और ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत है। ये तत्व तंत्रिका तंत्र में मौजूद कोशिकाओं में सूजन और क्षरण की समस्या को दूर रखने में मददगार हैं। 


कोशिकाओं में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया घटाने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका पाई गई है। यही वजह है कि नियमित रूप से अखरोट का सेवन करने वाले लोगों में अल्जाइमर्स और डिमेंशिया जैसी घातक बीमारियों का खतरा 50 फीसदी तक कम हो जाता है।


मुख्य शोधकर्ता सियान पोर्टर के मुताबिक अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क में प्रोटीन के थक्के जमने से भी रोकते हैं। ये थक्के तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान बाधित करते हैं, जिससे याददाश्त और तार्किक क्षमता कमजोर पड़ने की शिकायत सताती है। सियान ने दावा किया कि अखरोट में पाए जाने वाले पोषक तत्व ‘फील गुड’ हार्मोन का उत्पादन बढ़ाकर मूड में भी सुधार लाते हैं। इससे व्यक्ति तन-मन की सेहत के लिए फायदेमंद स्वस्थ आहार लेने को प्रेरित होता है।


दिल की सेहत के लिए फायदेमंद-
-पोर्टर की मानें तो अखरोट हृदयरोग से मौत का खतरा घटाने में भी मददगार है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखने के साथ ही स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का उत्पादन घटाते हैं।


मछली-बादाम का सेवन बढ़ाएं-
-अध्ययन में मेडिटरेनियन डाइट अपनाने और फास्टफूड से परहेज करने की सलाह दी गई है। शोधकर्ताओं का दावा है कि मछली, बादाम और अंडे से भरपूर मेडिटरेनियन डाइट अल्जाइमर्स के खतरे में 53 फीसदी कमी लाती है।