लखनऊ । केजीएमयू में लारी से लगे मानसिक रोग विभाग में रविवार की रात करीब 9:15 बजे हृदय आघात से पीड़ित मरीज की मौत हो जाने के बाद तीमारदारों की ओर से डॉक्टरों के साथ अभद्रता, मारपीट व तोड़फोड़ करने का आरोप है। इसमें कई रेजिडेंट डॉक्टर, नर्स व गार्ड को चोटें आई हैं। केजीएमयू के डॉक्टरों ने इस संबंध में वजीरगंज थाने में तहरीर दी है। वहीं परिवारजन का आरोप है कि कोविड टेस्ट के बग़ैर डॉक्टर हाथ लगाने को तैयार नहीं थे, जिससे उसकी मौत हो गई।
लारी के पास बने होल्डिंग एरिया वन में कोविड-19 संदिग्ध मरीजों को रखे जाने व रिपोर्ट नहीं आने तक उनका वही इलाज किए जाने की व्यवस्था है, लेकिन हृदय आघात के केस में आठ बीएड अतिरिक्त सुरक्षित कराए गए हैं। जिसमें मरीज को तत्काल चिकित्सा मुहैया कराई जाती है। आमतौर पर हृदयाघात के मामले में मरीज को बचाने के लिए वक्त बेहद कम होता है इसलिए यह अतिरिक्त व्यवस्था मरीजों को के लिए की गई है। तहरीर के अनुसार रविवार को राजा बाजार चौक निवासी हृदयाघात से पीड़ित एक ऐसी ही मरीज हसीना को परिवारजन लारी लेकर पहुंचे। उनके साथ 10 से 15 तीमारदार भी थे। आरोप है कि तीमारदार मरीज को अतिशीघ्र दिखाने के लिए जोर जबरदस्ती करने लगे। इस दौरान उनके मरीज को डॉ शशिबाला अस्पताल के अंदर ले जाकर इलाज करने लगीं। मगर वह लोग डॉक्टर व स्टाफ़ नर्स से अभद्रता करने लगे।
इसका विरोध करने पर तीमारदारों ने गाली-गलौज, मारपीट व तोड़फोड़ शुरू कर दिया। वहां मौजूद अन्य स्टाफ ने जब बीच-बचाव का प्रयास किया तो उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। काउंटर पर रखी दवाइयों को भी इधर-उधर कर दिया। इस दौरान शीशे का एक टुकड़ा टूट कर गार्ड की आंख में भी जा लगा। इसमें डॉ शशिबाला, स्टाफ नर्स सरिता वर्मा, डॉक्टर कुलदीप और नर्स नेहा को चोटें आई हैं। डॉक्टरों के अनुसार मरीज को उनके तीमारदार लेकर कहीं और चले गए। साथ ही डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी दी। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि मरीज के तीमारदारों ने मारपीट की थी पुलिस को बुलाकर स्थिति को सामान्य कर लिया गया है। वजीरगंज के इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।