कोरोना वायरस से घटती है सुनने की क्षमता, तंत्रिकाओं को भी होता है नुकसान


कोरोनावायरस संक्रमण से सुनने की क्षमता में भी कमी आ सकती है। एक हालिया शोध के अनुसार आठ में से एक कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज की सुनने की शक्ति कम हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के ऑडियोलॉजिस्ट ने 121 वयस्कों पर अध्ययन किया जिन्हें वीथेनशावे अस्पताल में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण भर्ती कराया गया था। 


आठ हफ्तों बाद कम हुई क्षमता-
अध्ययन के दौरान जब प्रतिभागियों से उनके सुनने की क्षमता के बारे में पूछा गया तो 16 लोगों ने कहा कि  डिस्चार्ज होने के आठ हफ्तों बाद उनके सुनने की क्षमता बहुत कम हो गई थी। आठ लोगों ने बेहद खराब परिस्थिति और आठ लोगों ने टिनीटस की शिकायत की । टिनीटस एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें कान में कुछ बजने की आवाज आती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि मिजल्स, मंप्स और मेनिनजाइटिस के वायरस से भी सुनने की क्षमता में कमी आती है।


तंत्रिकाओं को होता है नुकसान-
मनुष्यों को संक्रमित करने वाले अन्य कोरोनावायरस उन महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं जो मस्तिष्क और कान के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं। शोधकर्ता प्रोफेसर केविन मुनरो ने कहा, यह मुमकिन है कि कोविड-19 श्रवण प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है, खासकर कान के मध्य भाग को। यह भाग एक ट्यूब की तरह है जो कान के पर्दे से सुनने वाली तंत्रिका और गले तक जाती है। इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। इस शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि कोविड-19 सुनने की शक्ति को लंबे समय के लिए प्रभावित कर सकता है। 


मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि वायरस और सुनने की समस्याओं के बीच संबंध क्यों है, इसकी पहचान करने में सक्षम होने के लिए और अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है। प्रोफेसर मुनरो ने कहा, जिन लोगों को पहले से कम सुनने की बीमारी है उनके लिए कोविड-19 गंभीर दुष्परिणाम पैदा कर सकता है। इससे ऐसे लोगों में तनाव और घबराहट बढ़ सकती है।