कोरोना से डॉक्टर की मौत, सीएमओ कंट्रोल रूम को करते रहे फोन, 16 घंटे बाद मिला शव वाहन


लखनऊ I लखनऊ के तेलीबाग इलाके में कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर की इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के 16 घंटे बाद शव वाहन मिला। इस दौरान अस्पताल प्रशासन व परिवारीजनों ने लगातार सीएमओ कंट्रोल रूम में फोन किया। इसके बावजूद समय पर शव वाहन नहीं मिला।


कोरोना से दम तोड़ने वालों को निशुल्क शव वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। इस जिम्मेदारी को निभा पाने में स्वास्थ्य विभाग लगातार नाकाम साबित हो रहा है। शव वाहन के लिए परिवारीजनों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अपने को खोने के गम के साथ बदहाल व्यवस्था परिवारीजनों का दर्द बढ़ा रही है।


इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में डॉ. एस अंसारी की इलाज के दौरान बीती रात करीब 11.50 बजे सांसें थम गई। संस्थान प्रशासन ने शव वाहन के लिए कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। कुछ ही समय में शव वाहन भेजने की बात कही गई। देखते-देखते सुबह हो गई। फिर बुधवार शाम चार बजे शव वाहन मिला। इस दौरान शव का अंतिम संस्कार फंसा रहा।


लगातार समय पर शव वाहन न मिलने की शिकायतें स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को मिल रही हैं। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा दुखी परिवारीजनों को भुगतना पड़ रहा है।


लखनऊ में चार शव वाहन हैं। रोजाना चार से पांच मरीज दम तोड़ रहे हैं। सरकार ने निशुल्क शव वाहन की व्यवस्था की है। ताकि संक्रमित शव को कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराया जा सके। बदइंतजामी की वजह से शव वाहन समय पर पीड़ितों को नहीं मिल पा रहे हैं। 


सीएमओ का दावा
सीएमओ डॉ. आरपी सिंह का दावा है कि शव वाहन समय पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इंटीग्रल में शव वाहन देरी से क्यों मिला। इसकी जांच कराई जाएगी।