क्या आपकी पूरी रात करवटें बदलते हुए गुजर जाती है? क्या आप एक अदद अच्छी नींद के लिए तरस गए हैं? अगर हां तो कुछ दिन ‘हठ योग’ की शरण में जाकर देखें। शिकागो स्थित मशहूर फिटनेस इंस्टीट्यूट ‘एमवाईएक्स फिटनेस’ के शोधकर्ताओं ने अपने हालिया अध्ययन के आधार पर इसे अनिद्रा की समस्या से निजात दिलाने में खासा असरदार करार दिया है।
मुख्य शोधकर्ता जॉय थुरमैन के मुताबिक ‘हठ योग’ स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ के स्त्राव पर लगाम लगाता है। इसके नियमित अभ्यास से आंखों में मीठी नींद भरने वाले हार्मोन ‘मेलाटोनिन’ के उत्पादन में इजाफा भी होता है। उन्होंने बताया कि रात में आठ घंटे की गहरी नींद हासिल करने के लिए ‘हठ योग’ के तहत आने वाला प्राणायाम करना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। सर्वांगासन, शीर्षासन, पश्चिमोत्तासन और पादहस्तासन जैसी योग मुद्राएं भी कम लाभदायक नहीं हैं।
थुरमैन ने दावा किया कि उपरोक्त सभी योग मुद्राएं मस्तिष्क में खून का प्रवाह बढ़ाती हैं, जिससे तनाव का स्तर घटाकर नींद के आगोश में समाने में मदद मिलती है। इन आसनों के अभ्यास से मन में नकारात्मक विचार आने और रात में बार-बार नींद टूटने की शिकायत भी दूर होती है।
पीठ-कमर दर्द से राहत मिलेगी
-थुरमैन ने बताया कि नौकासन, सेतुबंधासन और वशिष्ठासन जैसी ‘हठ योग मुद्राएं’ पेट, पीठ, कमर, कंधे और हाथ-पैर की मांसपेशियों में क्षरण की समस्या को दूर रखकर उन्हें मजबूत बनाने में मदद करती हैं। इससे पीठ, कमर और जोड़ों के दर्द से तो निजात मिलती ही है, साथ ही चोट लगने व फ्रैक्चर होने का खतरा भी घट जाता है। नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने पर बुढ़ापे में पैर लड़खड़ाने की शिकायत भी नहीं सताती।
डिप्रेशन की शिकायत दूर होगी
-‘एमवाईएक्स फिटनेस’ की मानें तो ‘हठ योग’ तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान करने वाली कोशिकाओं पर ठीक उसी तरह से काम करता है, जैसा कि डिप्रेशनरोधी दवाएं। यह बेचैनी, उदासी और जीवन से नाउम्मीदी के ख्याल पर काबू पाने में मददगार ‘सेरोटोनिन’ व ‘गामा-एमिनोब्युटिरिक एसिड’ का उत्पादन भी बढ़ाता है। 2013 में ‘फ्रंटियर्स इन साइकैट्री’ में छपे एक अध्ययन में भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया था।
उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मददगार
-थुरमैन ने ‘हठ योग’ को एकाग्रता बढ़ाने में असरदार बताया है। इससे व्यक्ति न सिर्फ काम में ज्यादा मन लगा पाता है, बल्कि उत्पादन क्षमता में इजाफा होने से प्रमोशन और वेतनवृद्धि की गुंजाइश भी बढ़ जाती है। 2017 में ‘कॉम्प्लिमेंटरी थेरेपीज इन मेडिसिन’ में प्रकाशित एक अध्ययन में देखा गया था कि ‘हठ योग’ करने वाले कर्मचारियों में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर नियंत्रित रहता है। इससे वे किसी भी मुश्किल कार्य को पूरे आत्मविश्वास के साथ कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से पूरा कर पाते हैं।
एक नजर इस योग पद्धति पर
-‘हठ योग’ एक योग पद्धति है, जिसमें विभिन्न आसन को बलपूर्वक लंबे समय तक करने पर जोर दिया जाता है, ताकि मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ ही शरीर को मन से जोड़ने में मदद मिले। ‘हठ योग’ स्ट्रेस हार्मोन के उत्पादन पर लगाम लगाने और फील गुड हार्मोन का स्त्राव बढ़ाने में कारगर है।