नोएडा । सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है, लेकिन सच्चाई यही है कि अब कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को मलेरिया की हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा के बजाय फाइलेरिया व दाद-खाज खुजली की आइवरमेक्टिन दवा दी जाएगी। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि यह दवा कोरोना के इलाज और बचाव में भी उपयोगी है। अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी को कोरोना मरीजों पर दवा के प्रयोग के लिए आदेश भी जारी कर दिए हैं। संक्रमितों के साथ-साथ ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को भी महीने में तीन दिन यह दवा खिलाई जाएगी। हालांकि गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष की उम्र से कम बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी। उनके लिए इसे घातक बताया गया है।
आस्ट्रेलिया में हुआ दवा पर परीक्षण, खर्च न के बराबर
चाइल्ड पीजीआइ के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ इमरजेंसी ऑफिसर डॉ. मेजर बीपी सिंह ने बताया कि आइवरमेक्टिन दवा का आस्ट्रेलिया में परीक्षण हुआ था। इस दवा का लैब में वायरस पर प्रयोग किया गया था, जिसके नतीजे सकारात्मक रहे। कई देश इस दवा में कोरोना का इलाज ढूंढ़ रहे थे। प्रशिक्षण के दौरान पता चला है कि 48 घंटे के अंदर आइवरमेक्टिन वायरस को 5000 गुना तेजी से मारने में सक्षम है। देश में यह दवा पर्याप्त मात्रा में है। यह एक एंटी फंगल और एंटी वॉर्म दवा है। आइवरमेक्टिन 12एमजी दो गोलियों की कीमत बाजार में 25 से 30 रुपये है। महीने में इस दवा का मात्र तीन दिन ही सेवन करना होता है।
क्या हैं फाइलेरिया
इस बीमारी में हाथ और पैर हाथी के पांव जितने सूज जाते है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव भी कहा जाता है। खास बात यह है कि फाइलेरिया का नमूना रात को 10 बजे से दो बजे के बीच लिया जाता है। क्योंकि दिन में परजीवी शरीर के लिम्फनॉड में छिपा रहता है। रात को 10 बजे के बाद यह रक्त में संचारण करता है। इस समय बल्ड का नमूना जांच को भेजा जाता है।
इस तरह होगा दवा का प्रयोग
- कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले वो लोग, जिनमें वायरस के लक्षण नहीं है। इन्हें आइवरमेक्टिन पहले दिन व सातवें दिन रात्रि में भोजन करने के दो घंटे पश्चात लेने की आवश्यकता है।
- कोरोना मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मी दवा सिर्फ मरीजों को ही नहीं बल्कि उनके इलाज में जुटे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को भी दी जाएगी। स्वास्थ्यकर्मी पहला दिन, सातवें दिन और महीने के अंतिम दिन दवा लेनी होगी। इस तरह उन्हें हर महीने में तीन दिन दवा खानी होगी।
- कोरोना मरीजों को इस तरह दी जाएगी दवा कोरोना में एल-1, एल-2 व एल-3 तीनों श्रेणियों के मरीजों को यह दवा खिलाई जाएगी। उपचार के प्रथम तीन दिन लगातार रात्रि में भोजन करने के दो घंटे पश्चात मरीज दवा लेंगे। इसके साथ मरीजों को एंटी बायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन 100 एमजी पांच दिन तक लगातार दो-दो बार दी जाएगी।
डॉ. दीपक ओहरी, सीएमओ का कहना है कि शासन का आदेश मिल चुका है। मलेरिया की दवा की बजाय अब कोरोना मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को आइवरमेक्टिन दवा ही खिलाई जाएगी।