विनाश वाली फिल्में देखने वाले महामारी से बेहतर जूझते हैं


एक शोध के अनुसार जो लोग डरावनी या दुनिया का विनाश होने जैसी फिल्में ज्यादा देखते हैं उनमें महामारी से जूझने की क्षमता बेहतर होती है। मनोवैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि जिन लोगों ने ऐसी फिल्में देखी जिनमें सामाजिक अराजकता और वैश्विक व्यवस्था का पतन दिखाया गया, उनमें महामारी से लड़ने के लिए ज्यादा तैयारी दिखी। 


डेनमार्म की आरहस यूनिवर्सिटी के शोध में दर्शाया गया है कि एलियन, डरावनी, जोम्बी, आपदा या विनाश दर्शाने वाली फिल्मों के प्रशंसकों में परीक्षण के दौरान उच्च स्तर का लचीलापन और परिस्थितियों को झेलने की तैयारी देखी गई। शोधकर्ताओं का कहना है कि भयावह कथाओं के संपर्क में आने से दर्शकों को उन रणनीतियों का अभ्यास करने की अनुमति मिलती है जो वास्तविक दुनिया की स्थितियों में फायदेमंद हो सकते हैं।


शोध में 310 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इनसे उनकी पसंदीदा फिल्मों और टीवी शो के बारे में पूछा गया। इसके अलावा सारे प्रतिभागियों की मानसिक मजबूती और विकट परिस्थितियों में उनकी मानसिक तैयारी का भी परीक्षण किया गया। 


इस शोध में पाया गया कि कंटैजियन और 28 डेज लेटर जैसी फिल्में और द वॉकिंग डेड जैसे टीवी शो देखने पर वाले दर्शक का दिमाग मजबूत होता है और  वे अनायास ही परिदृश्यों का पूर्वाभ्यास करते हैं। जिन प्रतिभागियों ने इस तरह की फिल्में नहीं देखी थी उनकी मानसिक मजबूती और विकट परिस्थितयों को झेलने की क्षमता तुलनात्मक रूप से काफी कम पाई गई।