कानपुर। विकास दुबे के करीबियों और रिश्तेदारों की तलाश में जुटी एसटीएफ ने मध्य प्रदेश के शहडोल से उसके साले को उठाया है। बताया जा रहा है कि 15 साल पहले पैसे के लेन-देन को लेकर दोनों में विवाद हो गया था, जिसके बाद से बातचीत बंद थी। एसटीएफ को शक है कि साले ने विकास की मदद की थी।
विकास ने शास्त्री नगर कॉलोनी में रहने वाले ज्ञानेन्द्र निगम उर्फ राजू खुल्लर की बहन रिचा से शादी की थी। राजू की तीन बहनें हैं। रिचा के अलावा एक की शादी उसने शहडोल में ही की थी। पूर्व में राजू विकास के साथ ही रहता था। शिवली थाने में घुसकर दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या में विकास के साथ राजू खुल्लर का भी नाम आया था। डेढ़ दशक पहले दोनों के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ जिसके बाद मनमुटाव हो गया था।
कैसे पकड़ा गया खुल्लर
एसटीएफ को राजू के बारे में जानकारी मिली तो वह शास्त्री नगर कॉलोनी उसके आवास पहुंची। वहां पर उन्हें एक महिला मिली जिसे राजू के पिता ने कॉलोनी किराए पर दे दी थी। एसटीएफ की पूछताछ में महिला ने शहडोल का पता दिया। एक टीम शहडोल पहुंची। पूछताछ के दौरान राजू ने कहा कि उसने विकास से करीब डेढ़ दशक पहले संबंध खत्म कर लिए थे। टीम जब उसके घर आई तब वह नहीं था। टीम उसके बेटे आदर्श निगम को पूछताछ के लिए ले गई है। ज्ञानेंद्र को यह जानकारी लगी तो पहले एसटीएफ से संपर्क किया और बाद में शहडोल पुलिस अधीक्षक कार्यालय आया। उसको डर था कि एसटीएफ बेटे का एनकाउंटर कर सकती है। उसने अपनी जान भी खतरे में बताई।
शास्त्री नगर से ही शुरू हुई थी कहानी
विकास कानपुर में अपनी पैठ बनाने के लिए ब्रह्मनगर स्थित मौसी के यहां आता था। वहां पर उसने अपनी महफिल सजाई और उसके बाद शस्त्री नगर में बैठक शुरू हो गई। उसी दौरान उसकी मुलाकात राजू खुल्लर से हुई।
रिचा से हो गया था मनमुटाव
विकास और खुल्लर की दुश्मनी और उसके बाद विकास के जेल जाने के बाद रिचा का भी उससे मनमुटाव हो गया था। इस दौरान रिचा भी उसे छोड़कर चली गई थी मगर बाद में वापस आ गई। बच्चों को इस झगड़े से दूर रखा गया। विकास दुबे का एक बेटा इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहा और दूसरा दिल्ली में रहकर पढ़ रहा है।