विकास दुबे के काले कारोबार को संभालता था जय वाजपेई


लखनऊ I कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी भी फरार है। अलग-अलग जिलों की पुलिस टीमें उसे पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। पुलिस द्वारा की जा रही जांच और पूछताछ में एक और शख्स जय वाजपेई का नाम सामने आ रहा है।


एसटीएफ ने जय वाजपेई से पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया है। दरअसल, कानपुर पुलिस को पिछले तीन दिनों में तीन लावारिस गाड़ियां मिली हैं जिनका संबंध जय वाजपेयी से बताया जा रहा है। विकास को भगाने में भी जय वाजपेयी की भूमिका बताई जा रही है। जय, विकास का करीबी था और उसके काले कारोबार को संभालता था।
कानपुर के ब्रह्मनगर का रहने वाला जय आठ साल पहले नजीराबाद इलाके में चाय की दुकान चलाता था। जिसके बाद कानपुर के ही एक प्रिंटिंग प्रेस में चार हजार रुपये की नौकरी करने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात विकास दुबे से हुई। दोनों करीबी दोस्त बन गए और विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त करने के साथ ही कई प्रकार के कारोबार करने लगे। इससे कुछ ही वर्षों में जय करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया।
उसका रुतबा इतना बढ़ा कि शहर के संभ्रांत लोगों में उसकी पैठ बनने लगी। बता दें कि मंगलवार को एसटीएफ से हटाए गए अफसर अनंत देव तिवारी ने कानपुर का एसएसपी रहते हुए शहर के जिन 10 संभ्रांत (एस-10) लोगों की लिस्ट बनवाई थी उसमें जय वाजपेई का नाम भी शामिल था। सोशल मीडिया पर अनंत देव तिवारी के साथ जय वाजपेई की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।


पुलिस इस समय विकास दुबे से संबंधित हर व्यक्ति की तलाश कर रही है और उनसे पूछताछ कर रही है। इसी क्रम में आज कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे के राइट हैंड और शॉर्प शूटर अमर दुबे को यूपी एसटीएफ ने हमीरपुर के मौदहा में मार गिराया गया है। विकास दुबे के फरार होने के बाद अभी तक पुलिस की पांच लोगों के साथ मुठभेड़ हो चुकी है। जिसमें पुलिस ने तीन को मार गिराया है और दो बदमाशों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। इस संबंध में जगह जगह छापे मारे जा रहे हैं।