भारत समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है मगर असली चुनौती सर्दियों में होगी जब यहां संक्रमण और तेजी पकड़ेगा। दो भारतीय वैज्ञानिकों ने अध्ययन के आधार पर यह दावा किया जो पब्लिक हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित हुआ। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय और वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि साल के अंत तक सर्दी का सामना करने वाले भारत और उत्तरी गोलार्ध के अन्य देशों के कोरोना मामले और तेजी से बढ़ जाएंगे।
35 देशों में ठंडी जलवायु से मामले बढ़े
अपने अध्ययन में राजस्थान के केंद्रीय विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट चंडी मंडल और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के महावीर सिंह पंवार ने विभिन्न देशों के औसत तापमान और सक्रिय मामलों की तुलना की। जिसमें उन्होंने पाया कि उच्च अक्षांशों या ठंडे जलवायु वाले 35 देशों में कोरोना के 1000 से अधिक मामले थे।
गर्मी में वायरस से लड़ना आसान
यह अध्ययन एक बार फिर संचरण में वातावरण के ताप के असर को दिखाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्यादा तापमान होने पर संक्रमण को रोकने की संभावना बनती है, इसलिए सरकारों को नीति बनाते समय तापमान का भी ध्यान रखना चाहिए।
आर्द्रता घटने पर बढ़ते हैं पॉजिटिव केस
साइंड डेली जर्नल के शोध के मुताबिक, एक प्रतिशत आर्द्रता घटने पर कोविड-19 केसों की संख्या में छह प्रतिशत की वृद्धि होती है। यह अध्ययन सिडनी में शुरूआती संक्रमण के दौरान किया गया, जिसमें शोधकर्ताओं को आर्द्रता व पॉजिटिव केसों की संख्या में संबंध मिला।