संस्कार बिना सुविधाएं पतन का कारण


एक व्यक्ति ने एक रात को स्वप्न में देखा कि एक गाय अपने नवजात बछड़े को प्रेम से चाट रही है। चाटते-चाटते वह गाय, उस बछड़े की कोमल खाल को छील देती है। उसके शरीर से रक्त निकलने लगता है और वह बेहोश होकर, नीचे गिर जाता है।


व्यक्ति अगले दिन सुबह को यह स्वप्न अपने गुरु को बताता है और इसका अर्थ पूछता है। स्वप्न सुनकर गुरु कहते हैं कि यह स्वप्न, पंचमकाल (कलियुग) का लक्षण है।


कलियुग में माता-पिता, अपनी संतान को इतना प्रेम करते हैं। उन्हें सुविधाओं का इतना व्यसनी बना देते हैं कि वे उनमें डूबकर अपनी ही हानि कर बैठते हैं। सुविधा, भोगी और कुमार्ग-गामी बनकर विभिन्न अज्ञानताओं में फंसकर अपने होश गंवा देते हैं।


आजकल हो भी यही रहा है। माता पिता अपने बच्चों के संस्कारों की आरे ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। साथ ही संस्कार देने का जिम्मा स्कूल आदि की जिम्मेदारी मानकर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं। साथ ही माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल, बाइक, कार, कपड़े, फैशन की सामग्री और पैसे उपलब्ध करा देते हैं। बच्चों का चिंतन, इतना विषाक्त हो जाता है कि, वे माता-पिता से झूठ बोलना, बातें छिपाना, बड़ों का अपमान करना आदि सीख जाते हैं।
याद रहे- संस्कार दिए बिना सुविधाएं देना, पतन का कारण है।