रेलवे ने तैयार किया कोरोना मुक्त 'पोस्ट कोविड कोच'

इस बात की जानकारी रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्विटर पर दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- मोदी जी के नेतृत्व में रेलवे ने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए तैयार किये खास कोचेस।



कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरी दुनिया बदलाव के दरवाजे पर खड़ी है। इस वायरस ने लोगों की जीवनशैली बदल दी है। इसके साथ ही यात्रा पर भी व्यापक असर पड़ा है। लोग यात्रा के दौरान आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं। इस क्रम में रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए 'पोस्ट कोविड कोच' का निर्माण किया है। इस कोच में कई सुविधाएं दी गई हैं, जिनमें हैंड्सफ्री वॉटर टैप, सोप डिस्पेंसर, गेट व टॉयलेट फ्लश शामिल है।


इस बात की जानकारी रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्विटर पर दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में रेलवे ने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए तैयार किये खास कोचेस। इन कोचेज में लगे है हैंड्सफ्री वॉटर टैप, सोप डिस्पेंसर, गेट व टॉयलेट फ्लश, जिन्हें यात्री बिना हाथ से छुए ऑपरेट कर सकेंगे। आइए इस खास 'पोस्ट कोविड कोच' के बारे में विस्तार से जानते हैं-


'पोस्ट कोविड कोच' का निर्माण कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है। इसे स्पेशल डिजायन कर बनाया जा रहा है। इन कोचेस में यात्रियों को कोरोना वायरस से बचने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत नहीं है, बल्कि कोच में हैंड्सफ्री, कॉपर कोटिंग वाली रेलिंग और प्लाज्मा एयर प्यूरीफायर जैसे सभी सुविधाएं दी गई है। जबकि कोचेस में टाइटेनियम डाई-ऑक्साइड कोटिंग भी की गई है। हालांकि, यात्री को शारीरिक दूरी का पालन करना पड़ेगा।



अगर बात करें हैंड्सफ्री सुविधाओं की तो 'पोस्ट कोविड कोच' में यात्री पैर की मदद से नल चला सकता है, टॉयलेट के दरवाजे को खोल और बंद कर सकता है। इसके लिए दरवाजे के नीचे लॉक लगाया गया है। साथ ही बेसिन यूज़ में हाथ से नल को खोलने और हैंड वॉश निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि पैर की मदद से इन्हें यूज किया जा सकता है।


इसी प्रकार दरवाजे को खोलने में बांह का इस्तेमाल की सुविधा है। वहीं, पकड़ने वाली हैंडल कॉपर कोटिंग पकड़ने वाला है। ऐसा कहा जाता है कि तांबे पर वायरस कुछ घंटे में ही निष्क्रिय हो जाता है। इसके साथ ही कोचेस में प्लाज्मा एयर उपकरण की भी सुविधा है जो कोचेस को वायरस मुक्त करेगा।