नई दिल्ली । सरकार ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से लोधी एस्टेट वाला सरकारी बंगला खाली करने को कहा है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से इसके लिए एक महीने यानी 1 अगस्त 2020 तक की मोहलत दी गई है। प्रियंका वर्षों से लोधी स्टेट के इस आलीशन बंगला नंबर 35 में रह रही थीं। आदेश में बंगला खाली कराने के पीछे एसपीजी सुरक्षा व्यवस्था हटाए जाने को वजह बताया गया है। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि प्रियंका पहली अगस्त तक इस बंगले को खाली नहीं करती हैं तो उन्हें जुर्माना भी देना होगा।
शहरी विकास मंत्रालय के संपत्ति निदेशालय ने बुधवार को प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम आवंटित लोदी इस्टेट के बंगला नंबर 35 का आवंटन रद कर दिया। निदेशालय ने प्रियंका वाड्रा के नाम जारी चिट्ठी में सरकारी बंगले के किराए के तौर पर बकाया 3,46,677 रुपये का भुगतान करने को भी कहा है। किराये का यह बकाया 30 जून 2020 तक का है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शहरी विकास मंत्रालय को 30 जून 2020 को सूचित किया गया था कि अब प्रियंका की सुरक्षा में एसपीजी की तैनाती नहीं है। इसकी जगह उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा दी गई है जिसके आधार पर वह सरकारी बंगले की हकदार नहीं हैं।
इन्हीं तथ्यों के आधार पर प्रियंका के नाम पर आवंटित बंगले का आवंटन रद कर दिया गया है। उन्हें बंगला खाली करने से पहले बकाया चुकता करने को भी कहा गया है। किसी आम आदमी को सरकारी बंगलों के आवंटन को लेकर सरकार की स्पष्ट नीति है। इसी के तहत बंगला खाली करने को कहा गया है। बंगले को हर हाल में एक अगस्त 2020 तक खाली करने का आदेश दिया गया है। बता दें कि किसी व्यक्ति विशेष की सुरक्षा के खतरे की गंभीरता के मद्देनजर गृह मंत्रालय की सिफारिश पर आवासीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के फैसले से ऐसे मामलों में सरकारी आवास आवंटित किया जाता है।
मंत्रालय की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद आपको जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। इसमें सुरक्षा आधार पर सरकारी बंगले के आवंटन का प्रावधान नहीं है। ऐसे में लोधी एस्टेट का हाउस नंबर 35 का आवंटन रद किया जाता है। आपको एक महीने का वक्त दिया जा रहा है। तय वक्त में यदि आप बंगला खाली नहीं करती हैं तो नियमानुसार डैमेज चार्ज या पेंटल रेंट वसूला जाएगा।
बता दें कि सरकार ने प्रियंका, उनकी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी को दी गई एसपीजी सुरक्षा कवर को पिछले साल नवंबर में वापस ले लिया था। एसपीजी सुरक्षा कवर के बदले तीनों नेताओं को Z+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी। Z+ कैटेगरी की सुरक्षा व्यवस्था सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ के जिम्मे है। यही नहीं सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एसपीजी सुरक्षा कवर भी वापस ले लिया था। मौजूदा वक्त में एसपीजी कमांडोज केवल पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात हैं।