नए फोरलेन पर रातों रात उग गए बड़े-बड़े पेड़


गोरखपुर I गोरखपुर में नए बने मेडिकल कॉलेज फोरलेन पर रातों-रात बड़े-बड़े पेड़ दिखने लगे। राहगीरों को झटपट हरियाली का सुख देने के लिए पहली बार इस तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया।  फोरलेन के डिवाइडर पर छह साल पुराने आठ फुट तक के खजूर की प्रजाति के पेड़ लगाए जा रहे हैं। पेड़ लगाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। पेड़ लगाने में तो महज 40 मिनट का समय लग रहा है लेकिन उस गड्ढेे बनाने में आठ घंटे लग रहे हैं। 


असुरन चौक से लेकर गुलरिहा थाने तक करीब 750 पेड़ लगाए जाने हैं। अभी 100 पेड़ के आसपास लगाए जा चुके हैं। यहां काम करा रहे कांट्रैक्टर सुरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि सभी पेड़ सहारनपुर की नर्सरी से आ रहे हैं। फोरलेन के डिवाइडर पर पहली बार बड़े आकार के पेड़ लगाए जा रहे हैं। सभी पेड़ की ऊंचाई करीब आठ फुट है। ऐसे में देखने में सभी एक बराबर ही दिखेंगे। उन्होंने बताया कि रोजाना 10 से 12 पेड़ लगाए जा रहे हैं। बारिश की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है। जहां तक डिवाइडर बन चुका है वहां तक एक महीने में पेड़ लगाने का काम पूरा हो जाएगा। 


इस प्रजाति के हैं पेड़ 
कांट्रैक्टर सुरेन्द्र यादव बताते हैं कि सभी पेड़ डेड पाम खजूर की प्रजाति के हैं। ये सुंदर तो लगते ही हैं, काफी लम्बे समय तक जीवित रहते हैं। एक पेड़ का वजन करीब छह कुंतल है। दो पेड़ों के बीच की दूरी 10 मीटर है। असुरन चौक से लेकर गुलरिहा थाने तक की दूरी करीब साढ़े सात किलोमीटर है। इस हिसाब से यहां कुल 750 पेड़ लगेंगे। पेड़ को लगाने के लिए करीब सवा मीटर गहरा गड्ढा तैयार मजदूर ड्रिल मशीन की मदद से तैयार करते हैं। गड्ढा तैयार हो जाने के बाद क्रेन से पेड़ को उठाकर लगाया जाता है।