नाग पंचमी पर बन रहा कालसर्प दोष दूर करने का दुर्लभ योग


सावन महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नाग पंचमी (Nag Panchami 2020) मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 25 जुलाई (शनिवार) को है। इस साल शिव योग में नाग पंचमी पूजा का एक अद्भुत योग बन रहा है। इसमें भगवान शिव की नागों से पूजा उत्तम और कल्याणकारी है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन की पूजा करने से विषैले जीव-जंतुओं के काटने का भी डर नहीं रहता है।


ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल नाग पंचमी का पर्व उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के प्रथम चरण के दुर्लभ योग में पड़ रहा है। इस योग में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजा का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इसके अलावा नाग पंचमी को मंगल वृश्चिक लग्न में होंगे, साथ ही भगवान कल्की की जयंती भी है। 


पंचमी तिथि मुहूर्त-


24 जुलाई शाम से  4.10 मिनट से 25 जुलाई को दोपहर 1.55 मिनट तक।


पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-


सुबह 7.30 मिनट से 9.17 मिनट तक और 11.29 बजे से 12.30 मिनट तक।


कैसे करें महादेव की पूजा-


नाग पंचमी के दिन भगवान महादेव और पार्वती की विधि-विधान से पूजन करें। इसके बाद महादेव का रुद्राभिषेक करें। इसके बाद नाग-नागिन की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर दूध, अक्षत, फूल, चंदन और मीठा अर्पित करें। पूजन साम्रगी अर्पित करने के बाद महादेव से अपनी बाधाओं को दूर करने की कामना करें।


मंत्र-


सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।


ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।


ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।


ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।