कोरोना से बचाने में ज्यादा परत वाला कपड़े का मास्क ही कारगर


कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कपड़े का मास्क पहनना बेहद जरूरी है, लेकिन यह तभी आपको सुरक्षा देगा जब इसमें कई परतें होंगी। ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के आधार पर यह महत्वपूर्ण जानकारी दी है। शोध में कहा गया है कि घर में सिले जाने वाले फेस मास्क में कम से कम दो परतें जरूर होनी चाहिए। यह अध्ययन थोरैक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।


न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कपड़े के एक व दो परत वाले मास्क एवं तीन परत वाले सर्जिकल मास्क के असर पर अध्ययन किया। इसमें उन्होंने पाया कि एक परत वाला मास्क लगाए व्यक्ति के मुंह से ज्यादा संख्या में ड्रॉपलेट (छोटी बूंद) हवा में फैल जाते हैं। इससे खतरा ज्यादा रहता है। दो परत वाला मास्क लगाने पर तुलनात्मक रूप से कम संख्या में नम बूंदें वातावरण में फैलती हैं, जिससे हवा में संक्रमण का खतरा घटता है। 


इसी तरह अगर दो से ज्यादा परतों वाला मास्क लगाया जाएगा तो यह खतरा बेहद कम हो जाता है। यानी आपके मुंह से अगर कोरोना संक्रमित कण निकल रहे हैं तो मास्क उन्हें बाहर फैलने से रोकेगा, जिससे दूसरा व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा। ठीक इसी तरह आप अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के नजदीक खड़े हैं तो आपका मास्क हवा में मौजूद संक्रमित कणों को नाक तक पहुंचने से रोकेगा।


ऐसे किया अध्ययन-
शोधकर्ताओं ने एक, दो व तीन परत वाले मास्कों पर अध्ययन के लिए सिलाई के जरिए इन पर एलईडी लाइट व हाईस्पीड कैमरा लगाया। शोध में भाग लेने वाले स्वस्थ लोगों को ये मास्क लगाए गए। फिर उनके बोलने, खांसने और छींकने के दौरान मुंह से निकलने वाले हवा के कणों को फिल्माया गया। इससे मास्क से होकर बाहर निकले इन सूक्ष्म कणों की मात्रा पता की गई। वैज्ञानिकों ने पाया कि दो परत व उससे अधिक परत वाले मास्क पहनने पर कम कण हवा में पहुंच पाते हैं।


इन शर्तों पर ही मास्क से लाभ-
शोध का निष्कर्ष है कि मास्क की संक्रमण रोकने की क्षमता उसमें परतों की संख्या, बनावट, कपड़े की गुणवत्ता और इस बात पर निर्भर करती है कि उसे हर बार धोकर पहना जाए।  


सही ढंग से न पहनने पर संक्रमण बढ़ेगा-
विश्व स्वास्थ्य संगठन बता चुका है कि अगर मास्क को ठीक तरीके से न लगाया जाए तो यह संक्रमण को बढ़ा भी सकता है। जरूरी है कि मास्क से मुंह, नाक और ठोड़ी का हिस्सा भी ढंका रहे ताकि हवा के संक्रमित कण नाक तक न पहुंचें। साथ ही, संक्रमित हाथों से मुंह को छू लेने का खतरा भी न रहे। यह भी बेहद जरूरी है कि मास्क को मुंह के सामने से न पकड़ें और स्ट्रेप पकड़कर ही उसे उतारा जाए। उसे ठोड़ी व गले में टांगने की आदत से खतरा बढ़ेगा, क्योंकि तब मास्क कपड़ों के संपर्क में आ सकता है। वहां अगर वायरस हुआ तो मास्क पर भी वायरस लग जाएगा और आप संक्रमित हो सकते हैं।


 72 घंटे बाद ही मास्क को निस्तारित करें-
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल में निर्देश दिए हैं कि सर्जिकल मास्क का उपयोग करने के बाद उन्हें निस्तारित या डिस्पोज करने से पहले 72 घंटे तक कागज में लपेटकर रखा जाना जरूरी है। इससे कचरे में मौजूद वायरस नष्ट हो जाएगा।