कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने बढ़ाया तनाव, कम हुई रोगों से लड़ने की ताकत


कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने लोगों को जितना शारीरिक रूप से बीमार किया है, इसके डर ने उससे कहीं ज्यादा मानसिक तनाव लोगों को दे रखा है। इस तनाव के चलते रोगों से लड़ने की क्षमता प्रभावित हो रही है और घबराहट, बार-बार सर्दी-जुकाम और बुखार आने जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं।


ये तथ्य केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में सामने आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव के कारण शरीर में हार्मोन का स्तर बिगड़ता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विभाग ने करीब 300 स्वस्थ लोगों पर सर्वे किया। 20 से 70 साल की उम्र के लोग सर्वे का हिस्सा थे। इनसे लॉकडाउन से पहले के सामान्य दिन व मौजूदा हालात पर जानकारी मांगी गई। ज्यादातर लोगों ने लॉकडाउन में तनाव-उलझन, डर, घबराहट की शिकायत की है।


तनाव से बिगड़ता है हार्मोन
केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. आदर्श त्रिपाठी के मुताबिक कोरोना को लेकर लोगों में दहशत बढ़ी है। वायरस लोगों की सोच का हिस्सा बन गया है। यही तनाव की वजह है। उन्होंने बताया कि तनाव से शरीर में कॉर्टिकोस्ट्राइड का स्राव होता है। इस हार्मोन का स्राव कुछ समय के लिए तो ठीक है लेकिन लम्बे समय के लिए घातक है। इसका फर्क शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत पर पड़ता है।


इन परेशानियों से गुजर रहे हैं लोग
-60 फीसदी को घबराहट और उलझन
-कोरोना वायरस को लेकर लोगों में डर
-थकान, घबराहट, सिरदर्द जैसी परेशानियां बढ़ीं
-बार-बार सर्दी-जुकाम और बुखार 
-कोरोना से मिलते-जुलते लक्षणों ने चिंता बढ़ाई


नर्वस सिस्टम होता है प्रभावित
चिकित्सा विज्ञान में इन दिक्कतों को साइकोसोमैटिक डिसॉर्डर कहते हैं। जो नवर्स सिस्टम को प्रभावित करता है। नतीजतन त्वचा, सांस, अस्थमा, पेट खराब होना, डायबिटीज अनियंत्रित होना, दिल, ब्लड प्रेशर समेत दूसरी परेशानियां बढ़ जाती हैं।