गुरुग्राम। भोंडसी जेल के अंदर ड्रग्स सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार डिप्टी सुपरिटेंडेंट जेल धर्मवीर चौटाला से हुई पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। जेल के अंदर एक ग्राम सुलफा की कीमत एक हजार रुपये और 10 ग्राम सुलफा लगी सिगरेट की कीमत 10 हजार रुपये थी। स्मार्टफोन और फीचर फोन की कीमत भी अलग-अलग रखी गई थीं। स्मार्टफोन एक लाख से लेकर एक लाख 20 हजार और फीचर फोन 40 से लेकर 50 हजार रुपये में अंदर बेचा जाता था।
आरोपी डिप्टी सुपरिटेंडेंट ड्रग्स और मोबाइल को लेकर खुद अंदर जाता था, लेकिन अंदर पहुंचाने के बाद पकड़े जाने पर उसकी कोई गारंटी नहीं होती थी। गेट पर कभी उसकी जांच भी नहीं की जाती थी। आरोपी को रवि उर्फ गोल्डी की डिप्टी सुपरिटेंडेंट को ड्रग्स का सामान लाकर देता था। इसके अलावा जेल के अंदर स्पेशल बैरक से लेकर हर प्रकार की सुविधाओं के अलग-अगल रेट तय थे। बताया जा रहा है कि सुविधाओं से लैस स्पेशल बैरक के तीन लाख रुपये तय थे, जिसमें छह लोग तक रह सकते थे।
बड़े अपराधी वॉटसऐप कॉल से ऑपरेट करते थे गैंग
जेल में स्मार्टफोन पहुंचाने में जहां डिप्टी सुपरिटेंडेंट को लाखों रुपये की कमाई होती थी। वहीं जेल में बंद बड़े बदमाश वॉट्सऐप कॉल के जरिये अपने गैंग को ऑपरेट करते थे। पुलिस सूत्रों की माने तो अपराधी स्मार्टफोन का इस्तेमाल बड़े ही शातिराना अंदाज के साथ करते थे। सॉफ्टवेयर के जरिये जेल से बाहर बैठे अपने गुर्गों से बात करने के लिए वर्चुअल तरीका यूज करते थे, कॉल करने के दौरान स्क्रीन पर जाने वाला नंबर बदल जाता था और विदेशी नंबर जैसा दिखता है, जिससे उनकी कॉल पुलिस रिकॉर्ड में न आए पाए। पुलिस अगर गहनता से जांच करे तो मोबाइल का आईपी एड्रेस ट्रेस करने में करीब 48 घंटे का समय लग जाता था।
बदमाशों ने जेल के अंदर से बाहर करा दिए मर्डर
पुलिस सूत्रों की मानें तो जिन हाई प्रोफाइल बदमाशों को स्मार्टफोन दिए जाते थे, वह अंदर से अपना गैंग ऑपरेट करते हैं, कई मर्डर भी होने की बात सामने आई है। सूत्रों की मानें तो सोहना में भट्ठा स्वामी का मर्डर, सरपंच पति पर जानलेवा हमले करने वाले गुर्गों को भी अंदर बैठकर ऑपरेट किया गया। इसके अलावा फर्रुखनगर में एक कारोबारी से 23 लाख रुपये न लेने की धमकी भी जेल के अंदर से ही दी गई थी। बताया जा रहा है कि यह क्रांति गैंग के द्वारा ऑपरेट किया गया था। इसके अलावा रेवाड़ी में हुए डबल मर्डर में भी जेल के अंदर से वॉट्सऐप कॉल करने की बात सामने आई है। पुलिस अब सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कर रही है।
2016 में संपर्क में आया था गोल्डी
सोहना। जिला जेल में बंदियों को सिम कार्ड तथा नशीला पदार्थ पहुंचाने के आरोपी भोंडसी जेल उपाधीक्षक धर्मबीर ने रवि उर्फ गोल्डी के साथ बिजनेस को लेकर बनाए गए संपर्क का भी खुलासा किया है। भोंडसी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर भारतेन्द्र कुमार ने बताया कि 2016-17 में धर्मवीर चौटाला इसी जेल में उपाधीक्षक के पद पर कार्यरत था। उसी समय रवि उर्फ गोल्डी अजरुद्दीन हत्याकांड में भोंडसी जिला जेल में बंद था। रवि उसके अन्य साथियों के खिलाफ 2009 में हत्या का मामला दर्ज हुआ था, जेल में रहने के दौरान गोल्डी के धर्मवीर से संबंध हो गए। करीब चार महीने पहले धर्मबीर और रवि के बीच नशीला पदार्थ तथा सिम कार्ड कारोबार शुरू किया था। अब रवि तीसरी बार धर्मबीर को उसके सरकारी आवास पर सप्लाई देने आया था। उधर, पुलिस पूछताछ में आरोपी उपाधीक्षक ने घटनाक्रम को साजिश भी करार दिया है।
तलाशी अभियान में 12 मोबाइल बरामद
डिप्टी सुपरिटेंडेंट की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को भोंडसी जेल में तलाशी अभियान के दौरान दो सिम कार्ड और 12 मोबाइल बरामद हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।