इस बार अश्विन मास के नवरात्रि कनागत के एक महीने बाद शुरू होंगे। ज्योतिषविदों के मुताबिक 19 साल बाद इस बार 2 अश्विन का योग बैठा है। इसके चलते नवरात्रि 1 महीने विलंब से शुरू होंगे। 160 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जिसमें लीप ईयर भी है और अधिक मास भी आ रहा है।
160 साल बाद लीप ईयर और पुरुषोत्तम मास एक साथ
इस वर्ष 'अश्विन माह' में पुरुषोत्तम मास की स्थिति बन रही है। इस बार अंग्रेजी लीप-ईयर और भारतीय पुरुषोत्तम मास एक साथ हैं। ऐसी स्थिति 160 साल बाद बन रही है जब लीप ईयर और पुरुषोत्तम मास एक साथ हैं। इसके अलावा इस बार पुरुषोत्तम मास भी अश्विन के महीने में पड़ रहा है। वे कहते हैं कि ये संयोग 19 साल बाद बन रहा है अब से पहले वर्ष 2001 में भी अश्विन में पुरुषोत्तम मास पड़ा था।
इस तरह पड़ेंगे दो अश्विन माह
इस बार अश्विन में पुरुषोत्तम मास होने के कारण नवरात्र देर से शुरू होंगे। इस बार 3 सितम्बर से 1 अक्तूबर तक प्रथम अश्विन माह होगा और 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक द्वितीय अश्विन माह होगा। इन दो अश्विन महीनो में से शुरू के 15 दिन और अंतिम 15 दिन शुद्ध अश्विन माह होगा और बीच वाले तीस दिन (18 सितम्बर से 16 अक्तूबर के बीच) 'पुरुषोत्तम मास' होगा जिसके आधार पर पितृ पक्ष (श्राद्ध) तो 2 सितम्बर (भाद्रपद पूर्णिमा) से 17 सितम्बर (प्रथम अश्विन अमावस्या) तक रहेगा लेकिन नवरात्र श्राद्ध समाप्त होने के एक महीने बाद 17 अक्तूबर से शुरू होंगे और 25 अक्तूबर तक रहेंगे।
17 अक्तूबर से शुरू होंगे नवरात्रि
यह समय आराधना का है। मानसिक शांति के लिए ओम का जाप करें और चातुर्मास में बीज मंत्रों को जागृत करें। इस बार इस विशेष स्थिति के कारण अश्विन नवरात्र 17 अक्तूबर से शुरू होंगे। 17 अक्तूबर को प्रतिपदा तिथि यानि के प्रथम नवरात्र होगा और 25 अक्तूबर को नवमी तिथि तक नवरात्र रहेंगे।
-अश्विन माह - 3 सितम्बर से 31 अक्तूबर तक रहेगा
-3 सितम्बर से 17 सितंबर के बीच प्रथम अश्विन कृष्ण पक्ष
-17 अक्तूबर से 31 अक्तूबर के बीच द्वितीय अश्विन शुक्ल पक्ष
इस बीच होगा पुरुषोत्तम मास-18 सितम्बर से 16 अक्तूबर तक प्रथम अश्विन शुक्ल पक्ष और द्वितीय अश्विन कृष्णा पक्ष के बीच रहेगा पुरुषोत्तम मास।
श्राद्ध - 2 सितम्बर से 17 सितम्बर
नवरात्र - 17 अक्तूबर से 25 अक्तूबर