इम्युनिटी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है विटामिन-डी


शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिनडी बहुत आवश्यक है। यह सुखद है कि विटामिन-डी हमें धूप (अल्ट्रावायलेट किरणों) से कुदरत द्वारा मुफ्त में मिलती है। कई शोधों से यह साबित हो चुका है कि नियमित 30 मिनट तक धूप सेंकने से शरीर के लिए आवश्यक विटामिन-डी मिल जाती है। संतरा और गाजर का जूस आहार में शामिल करें तो उन्हें प्रचुर मात्रा में विटामिनडी मिलेगी। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी उपायों के साथ ही हमें अपनी इम्युनिटी भी मजबूत रखनी है। 


स्वस्थ सेहत और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता के लिए शरीर को संपूर्ण पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिनमें विटामिन-डी की अहम भूमिका है। विटामिन-डी न सिर्फ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में सहायक है, बल्कि शरीर में कैल्शियम व फॉस्फोरस को संश्लेषित कर हड्डियों को मजबूती प्रदान करती है।


इसकी कमी से हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि कई बार हल्की चोट लगने या गिरने से हड्डियों के टूटने का खतरा काफी बढ़ जाता है। विटामिन-डी एंटीमाइक्रोबल प्रोटीन बनाने में सहायक है, जिससे इम्युनिटी बरकरार रहती है और शरीर को फ्लू व कोविड-19 जैसी बीमारियों से लड़ने में सुरक्षा कवच मिलता है। कई बार विटामिन-डी की कमी कैंसर, हाइपरटेंशन और डायबिटीज की प्रमुख वजह बनती है।


स्तनपान कराने वाली महिलाओं में अगर इस विटामिन की कमी रहती है तो भविष्य में इसका असर उनके बच्चे पर पड़ता है। ऐसे बच्चे लिवर सहित कई अन्य अंगों की बीमारियों से संक्रमित हो जाते हैं और इनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है। हालांकि चिकित्सक की सलाह के बिना सप्लीमेंट के तौर पर विटामिन-डी का सेवन घातक भी हो सकता है। शोधों से पता चला है कि विटामिन-डी के अधिक सेवन से किडनी, लिवर और स्टोन जैसी समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है।


इस तरह पूरी करें आवश्यकता



  • दलिया, ओटमील, गाय का दूध आदि विटामिनडी के अच्छे स्रोत है।

  • जूस, संतरा, मशरूम आदि और दूध में यह प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।

  • दूध की जगह सोयाबीन से बने उत्पादों का सेवन विटामिन-डी का विकल्प हो सकता है।

  • विटामिन-डी शीशेदार खिड़कियों से आने वाली धूप से नहीं, बल्कि 30 मिनट तक खुली धूप में बैठने पर ही मिलती है।