हत्या, एनकाउंटर, ईनाम, तलाशी सब कुछ फिल्मी स्क्रिप्ट जैसा


कानपुर I यूपी के कानपुर में दो जुलाई की रात जो कुछ हुआ उससे पुलिस के सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया। 30 से अधिक पुलिस जवान एक अपराधी को पकड़ने जाते हैं और वह अपने साथियों के साथ पुलिस पर हमला कर देता है। इस वारदात में सीओ, इंस्पेक्टर सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो जाते  है। इसके बाद वहां लगभग 100 से अधिक पुलिस वाले पहुंचते हैं लेकिन उसके पहले ही अपराधी भाग चुके होते हैँ। इसके बाद शुरू होता है आंख मिचौली का खेल। अपराधी आगे आगे पुलिस पीछे पीछे। इस घटना के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे पर पुलिस इनाम बढ़ाती जाती है और वो पुलिस को चकमा देता जाता है। पुलिस एक-एक करके उसके साथियों को मुठभेड़ में गिराती जाती है। इसके बाद भी विकास पुलिस से दूर। जी हां कानपुर में अब तक जाे कुछ भी हो रहा है वह बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में।  


-गुरूवार दो जुलाई की रात 12 बजे शिवराजपुर, बिल्हौर, चौबेपुर, शिवली थाने के 35 पुलिसकर्मियों ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी।


-विकास के गांव के ही रहने वाले राहुल तिवारी नाम के युवक ने विकास के खिलाफ धमकी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।


विकास दुबे को गुरुवार पुलिस कार्रवाई के साढ़े पांच घंटे पहले ही इस बात का पता चल जाता है  कि 35 पुलिसकर्मी दबिश देने आ रहे हैं।


-विकास ने अपने साथियों को हथियारों के साथ बुलाया और घर के बाहर जेसीबी खड़ा करवा कर रास्ता बंद कर दिया, ताकि पुलिस वाले भाग न पाए।  


- पुलिस कार्रवाई से पहले पुलिस विभाग में सक्रिय विकास के भेदियों ने सबस्टेशन फोन कर लाइन टूट जाने की फर्जी सूचना देकर बिकरू गांव की लाइट गुल करा दी।


-रात करीब 1.30 पर विकास की घेराबंदी में उसके गर्गों ने करीब सौ राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई भी हुई, लेकिन सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को घेरकर मौत के घाट उतार विकास भाग निकलता है। 


-इसके करी दो घंटे बाद करीब एक दर्जन थानों की पुलिस और सीओ सर्किल की फोर्स में मौजूद 100  से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने बिकरू समेत आसपास के पांच गांवों को घेर लिया। पूरी रात सर्च आपरेशन चला। 


तीन जुलाई : 


- सुबह डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ के तेज तर्रार जवानों की मौजूदगी में पुलिस ने घेराबंदी और तगड़ी की। बिकरू से 10 किलोमीटर दूर हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के दो सहयाेगी मार गिराए जाते हैं। 


- एडीजी ला एंड आडर, डीजीपी दोपहर 12 बजे के आसपा बिकरू गांव पहुंचे।


- साठ से अधिक पुलिस की टीमें, 1500 से अधिक जवान, क्राइम ब्रांच की कई टीमें अपराधियों की तलाश में जुटी। 


- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कानपुर पहुंचे और शहीद के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। 


- विकास दुबे के लिए मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के इस्पेक्टर विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया जाता है।  


चार जुलाई :


- पुलिस विकास तिवारी के घर पर बुलडोजर चलवा देती है। उसकी लग्जरी कारें तोड़ दी जाती है। पूरी रात सर्च आपरेशन चला।


-रात में आई जी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सूचना थी कि विकास ने अपने घरों की दीवारों में चुनवाकर छिपाए हैं हथियार इसलिए की जा रही है कार्रवाई।


पांच जुलाई : 


- विकास के घर में तलाशी में मिले तयखाने में पुलिस की  विस्फोटकर सामग्री और कई हथियार मिले।


- विकास का नौकर और शार्प शूटर कल्लू शहर से भागने की फिराक में था तभी कल्याणपुर में मुढभेड़ के बाद धर दबोचा।


छह जुलाई : 


- पुलिस ने कल्लू की पत्नी समेत हमले में मदद करने वाले विकास के साढ़ू समेत तीन लोगों को किया गिरफ्तार।


-उधर, डीजीपी ने आईजी मोहित अग्रवाल की सिफारिश पर विकास की इनामी राशि ढाई लाख कर दी।


सात जुलाई : 


- पुलिस विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी करती है। 


- देर रात पुलिस को हरियाणा के फरीदपुर के एक होटल में विकास दुबे की लोकेशन मिलती है। 


- पुलिस के पहुंचने से पहले  ही विकास वहां से फरार 


- इस मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला कर दिया जाता है। 


- चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। 


आठ  जुलाई : 


- सुबह विकास का सबसे करीबी अमर दुबे को पुलिस हमीरपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराती है। 


- इसके बाद विकास दुबे का एक और साथी श्यामू बाजपेई को चौबेपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद किया गिरफ्तार। श्यामू बाजपेई पर है ₹25000 का इनाम।


- विकास दुबे पर ढ़ाई लाख से इनाम बढ़ा कर पांच लाख किया जाता है। 


- विकास दुबे के गांव बिकरू के बाहर दो कुओं में गोताखोर की मदद से तलाशी ली जाती है।