हरिद्वार: हरिद्वार में मंगलवार तड़के भारी बारिश के दौरान हरकी पैड़ी के पास एक दीवार ढह गई। उसका मलबा ब्रह्मकुंड तक फैल गया, हरकी पैड़ी की सीढि़यों को भी इससे कुछ नुकसान हुआ है। इसके अलावा पास में बिजली के सब स्टेशन में कुछ उपकरण भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। गंगा सभा के अध्यक्ष और महामंत्री ने दावा किया कि तड़के आसमान में बिजली भी कौंधी थी, इससे ऐसा प्रतीत हुआ कि हरकी पैड़ी पर आकाशीय बिजली गिरी है। हालांकि जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंत्यूरा ने कहा कि वहां आकाशीय बिजली गिरने के निशान नहीं है। तेज बारिश से दीवार ढही है। यह दीवार 85 साल पुरानी थी।
सुबह हरकी पैड़ी के पास आकाशीय बिजली गिरने का समाचार शहर में फैल गया। गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि घटना तड़के करीब साढ़े तीन बजे की है। मूसलधार बारिश के बीच आसमान में बिजली कौंधी और गड़गड़ाहट के बीच दीवार ढह गई। गनीमत रही कि उस वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था। भीमगोड़ा जाने वाले मार्ग की ओर स्थित हरकी पैड़ी की ऊपरी दीवार भरभराकर ढह गई। दीवार का एक बड़ा हिस्सा धराशायी होने से उसका मलबा ब्रह्मकुंड क्षेत्र तक फैल गया। जोरदार आवाज सुनकर आस पास दुकान व होटल में सो रहे कर्मचारी बाहर निकल आए। पुलिस व श्री गंगा सभा कर्मचारियों ने वहां जमा भीड़ को दूर हटाया। गंगा सभा के अनुसार इस दीवार का निर्माण वर्ष 1935 में हुआ था। घटना की सूचना मिलने पर हरिद्वार की महापौर अनिता शर्मा, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, एसडीएम सदर कुश्म चौहान और एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय सहित नगर निगम, ऊर्जा निगम, लोनिवि आदि विभागों के अफसर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार मौके पर आकाशीय बिजली गिरने के निशान नहीं हैं। चूंकि दीवार की बगल से एक सड़क भीमगोड़ा व उत्तरी हरिद्वार जाती है। पहाड़ी से अक्सर बारिश का पानी व मलबा सड़क पर आता है। ऐसे में ज्यादा संभावना इस बात की है कि मूसलधार बारिश के दौरान सड़क पर पानी जमा होने से दीवार गिरी है। देर शाम तक मलबा साफ करने का कार्य जारी था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने भी हरकी पैड़ी का जायजा लिया और प्रशासन से सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की मांग की।
कोरोना के चलते कांवड़ व स्नान पर रोक
कोरोना संक्रमण काल के चलते इस बार श्रावण मास कांवड़ मेला स्थगित किया गया है। 19 और 20 जुलाई को श्रावण मास की सोमवती अमास्या स्नान पर्व पर भी रोक लगाई गई थी। जिस कारण दूसरे राज्यों व स्थानीय श्रद्धालु रविवार और सोमवार को हरकी पैड़ी नहीं जा पाए। यदि स्नान पर्व पर रोक न होती तो मंगलवार सुबह तक हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की आमद रहती। उस स्थिति में जनहानि होनी तय थी। श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा का कहना है कि यह मां गंगा का प्रत्यक्ष चमत्कार है कि इतनी बड़ी दीवार गिरने और पूरी हरकी पैड़ी क्षेत्र में मलबा फैलने के बावजूद एक जीव की हानि नहीं हुई है। किसी को खरोंच तक नहीं आई है। वहीं महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि आकाशीय बिजली गिरने से दीवार ढहने की जानकारी आस पास मौजूद रहे लोगों से मिली है। जल्द ही सौंदर्यीकरण के साथ दीवार का पुर्ननिर्माण कराया जाएगा।