हाई स्पीड ट्रेन का जेवर एयरपोर्ट के पास होगा स्टेशन


ग्रेटर नोएडा I दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का पहला पड़ाव गौतमबुद्ध नगर जिले में होगा। जेवर एयरपोर्ट के नजदीक हाई  स्पीड ट्रेन का स्टेशन बनाने की योजना है। दिल्ली-हावड़ा रूट के बाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर गौतमबुद्ध नगर में दूसरा रेलवे ट्रैक होगा। इसका गौतमबुद्ध नगर के साथ-साथ गाजियाबाद में रहने वाली लाखों की आबादी को मिलेगा। इतना ही नहीं, हरियाणा और दिल्ली के लोगों को भी इसका सीधा-सीधा फायदा मिलेगा, क्योंकि यहां पर रोजगार भी सृजित होंगे। बता दें कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड निविदा निकाल चुका है। रिपोर्ट तैयार होने पर स्टेशन व कॉरिडोर की स्थिति सामने आएगी।


गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के बाद रेल मंत्रालय दिल्ली वाराणसी कॉरिडोर पर हाई स्पीड रेल दौड़ाने की तैयारी कर रहा है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कराने के लिए निविदा जारी की जा चुकी है। दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर का पहला स्टेशन यमुना प्राधिकरण का जेवर क्षेत्र होगा। बताया जा रहा है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को देखते हुए जेवर क्षेत्र में स्टेशन बनाने की योजना है। मथुरा आगरा में भी हाई स्पीड ट्रेन के स्टेशन संभावित हैं। जेवर स्टेशन का सीधा फायदा गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद की लाखों की आबादी को होगा। दिल्ली के बजाए गौतमबुद्ध नगर के स्टेशन से वह गंतव्य के लिए हाई स्पीड रेल का सफर कर सकेंगे।


हाई स्पीड रेल कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेस-वे के समानांतर बन सकता है। भूमि की उपलब्धता को देखते हुए कॉरिडोर के लिए यह मार्ग चुना जा सकता है। यमुना एक्सप्रेस वे के समानांतर आगरा तक भूमि उपलब्ध है।इसे ग्रीन बेल्ट के तौर पर विकसित किया गया है। इसी ग्रीन बेल्ट में जेवर एयरपोर्ट मेट्रो का निर्माण करने की योजना है। आइजीआइ दिल्ली के नजदीक एयरो सिटी से तुगलकाबाद तक मेट्रो का निर्माण हो रहा है। इसे आगे बढ़ाते हुए नोएडा सेक्टर 143 पर इसे एक्वा मेट्रो से जोड़ा जाएगा। इसके बाद एक्वा मेट्रो के नॉलेज पार्क दो स्टेशन से जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो ट्रैक बनाने की योजना है। इससे आइजीआइ व जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी। परियोजना को लेकर प्राधिकरण के साथ बेहतर सामांजस्य बनाने के लिए नेशनल हाइ स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने नोडल अफसर के तौर पर प्राधिकरण से एक अधिकारी मांगा था। इसके बाद एसीईओ को नोडल अफसर के तौर पर नामित किया गया था।


यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे गौतमबुद्ध नगर से आगरा के बीच औद्योगिक शहरी केंद्र विकसित हो रहे हैं। इसी की तर्ज पर आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे भी शहरी केंद्र विकसित करने की योजना प्रदेश सरकार तैयार की जा रही है। इन शहरों की रूपरेखा तैयार करने पर शासन में माथापच्ची हो रही है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से एक्सप्रेस-वे के किनारे बसने वाले इन शहरों को भी फायदा होगा। रेल कॉरिडोर के लिए आगरा से लखनऊ के बीच भूमि की अड़चन नहीं है। 


हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से जिले में रेल नेटवर्क बेहतर होगा। दिल्ली हावड़ा रेलवे रूट गौतमबुद्ध नगर से होकर निकलता है, लेकिन जिले में लंबी दूरी की सुपरफास्ट, एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं है। जिले की आबादी करीब बीस लाख हो चुकी है। इसमें अधिकतर लोग बाहर से आकर बसे हैं। औद्योगिक जिला होने के कारण यहां की बड़ी आबादी रेलवे की यात्रा करती है। मौजूदा समय में यह आबादी गाजियाबाद व दिल्ली रेलवे स्टेशन पर निर्भर है। हाइ स्पीड रेल कॉरीडोर का स्टेशन बनने के बाद दूसरे शहरों के स्टेशन पर निर्भरता कम होगी।


यात्रा का समय भी कम होगा। यहां से दिल्ली, गाजियाबाद जाकर ट्रेन का सफर शुरू करने में अतिरिक्त समय लगता है। हाइ स्पीड रेल कॉरीडाेर के बाद इसमें बचत होगी। हाई स्पीड रेल दिल्ली से वाराणसी का सफर करीब साढ़े चार घंटे में पूरा करेगी। मौजूदा समय में यह सफर करीब आठ घंटे में पूरा होता है। इससे भी यात्रियों के समय में काफी बचत होगी।