ज्ञानी और धार्मिक विचारों वाले होते हैं ऐसे लोग


सूर्य पर्वत की अन्‍य ग्रहों के साथ की स्‍थिति भी व्‍यक्‍ति को कई तरह से प्रभावित करती है। सूर्य पर्वत पर तारे का चिन्ह हो तो यह धन का नुकसान करने वाला होता है। हालांकि यह व्‍यक्‍ति को अप्रत्‍याशित अप्रसिद्धि भी दिलाता है। गुणा का चिन्ह हो तो सट्टा या शेयर में धन का नाश हो सकता है। सूर्य पर्वत पर त्रिभुज हो तो उच्च पद की प्राप्ति, प्रतिष्ठा तथा प्रशासनिक लाभ मिलते हैं। सूर्य पर्वत पर चौकड़ी हो तो सर्वत्र लाभ तथा सफलता की प्राप्ति होती है। त्रिशूलाकार चिन्ह यश, आनंद, विलासिता व सफलता प्रदान करता है।


हथेली में सूर्य पर्वत के साथ यदि बृहस्पति का पर्व उन्नत है तो व्यक्ति विद्वान, ज्ञानवान, मेधावी और धार्मिक विचारों वाला होता है। यदि सूर्य और शुक्र पर्वत उभार वाले हैं तो ऐसा व्‍यक्‍ति विपरीत लिंग के प्रति शीघ्र एवं स्थायी प्रभाव डालने वाला, धनवान, परोपकारी, सफल प्रशासक, सौंदर्य और विलासिताप्रिय होता है। अभि के अनुसार जिस तरह से सूर्य पर्वत का अच्‍छा होना व्‍यक्‍ति के जीवन में अनेक सुविधाएं और सम्‍मान का कारण बनता है, वैसे ही यदि सूर्य पर्वत दूषित हो जाए तो व्‍यक्‍ति कामी, लोभी, घमंडी और चरित्रहीन तक बना देता है। सूर्य पर्वत पर जाली हो तो गर्व करने वाला किंतु कुटिल स्वभाव वाला होता है। ऐसा व्‍यक्‍ति किसी पर विश्‍वास नहीं करता।


(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)