ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का खास ध्यान

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कुछ खास तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए जिससे रहेंगे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ।



5 जुलाई को पड़ने वाला उपच्छाया चंद्रग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका महादेश समेत कई जगहों पर दिखाई देने वाला है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जब पृथ्वी और चंदमा के बीच सूर्य आ जाता है तो चंद्रमा की रौशनी पृथ्वी पर नहीं आती है। इस घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है। इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।ज्‍योतिषीय और धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में प्रेगनेंट महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए लेकिन अगर किसी कारणवश आपको घर से बाहर जाना ही है तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि बच्‍चे या मां को इससे कोई नुकसान होगा। इसके बावजूद भी आपका बच्‍चा स्‍वस्‍थ जन्‍म लेगा।


ग्रहण के समय रखें इन बातों का विशेष ध्यान


1. ग्रहण के समय घर के अंदर ही रहें और आराम करें।


2. ग्रहण काल के दौराल शरीर को ज्‍यादा थकाएं नहीं।


3. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं चाकू, कैंची और सुई का प्रयोग न करें।


4. ग्रहण में कुछ भी खाने और पीने के लिए मना किया जाता है, लेकिन अगर आपसे ऐसा नहीं हो पा रहा है तो बच्‍चे की सेहत का ध्‍यान रखते हुए आप कुछ खा सकती हैं।


5. नुकीली चीजों का इस्‍तेमाल करने से बचें।


6. ग्रहण के दौरान पति-पत्‍नी को नहीं मिलना चाहिए।


7. प्रेगनेंट महिलाओं और आम लोगों को भी नंगी आंखों से ग्रहण को देखने के लिए मना किया जाता है। माना जाता है कि नंगी आंखों से ग्रहण को देखने पर आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है।


8. ग्रहण के वक्त खाना-पीना भी अशुभ माना जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाएं ग्रहण समय से एक घंटे पहले ही ये काम निपटा लें।


9. ग्रहण के वक्त भगवान का नाम लेने के अलावा कोई दूसरा काम न करें।


10. गर्भवती महिला को ग्रहण काल में बिना देव मूर्ति स्पर्श किए जप करना चाहिए।


उपच्छाया चंद्रग्रहण का समय


यह भारतीय मानक समय के अनुसार, सुबह में 8 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा। जबकि ग्रहण का अधिकतम प्रभाव सुबह में 9 बजकर 59 मिनट पर होगा।