गंगा के बढ़ते जलस्तर से बीस गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा


ब्रजघाट । गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के कारण खादर क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों के हजारों लोग दहशत में है। ग्रामीणों के सामने पशुओं के लिए खेतों से चारा लाने का संकट पैदा हो गया है। गांवों के चारों ओर से जलभराव हो जाने से ग्रामीणों को नावों का सहारा लेना पड़ रहा है।







बारिश के कारण गंगा का बढ़ा जलस्‍तर


पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को देर शाम जलस्तर 198.24 मीटर से बढ़कर 198.33 मीटर हो गया। गंगा खतरे के निशान से मात्र एक मीटर दूर रह गई है। खादर क्षेत्र के गांव गड़ावली, लठीरा, नयाबांस, आरकपुर, बख्तावरपुर, रामपुर न्यामतपुर, कांकाठेर मंढैया, कुदैनी वाली मंढैया, रामसिंह मंढैया समेत दो दर्जन से भी अधिक गांव चौतरफा पानी से घिर गए हैं। जंगल के रास्तों में पानी भर जाने से हजारों ग्रामीणों का जंगल जाने के लिए आवागमन बाधित हो रहा है।


गंगा का जलस्‍तर खतरे के निशान के निकट पहुंचा


बुधवार रात्रि और बृहस्पतिवार सुबह बिजनौर बैराज और हरिद्वार से पानी छोड़ा गया है। यह पानी शुकव्रार सुबह तक ब्रजघाट पहुंच जाएगा, जिससे जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होने की आशंका है। इसके बाद गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के और निकट पहुंच सकता है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते तहसील प्रशासन सक्रिय हो गया है।


तहसीलदार सुरेद्र कुमार ने राजस्व टीम के साथ बृहस्पतिवार को बाढ़ संभावित गांवों का दौरा कर जलभराव की स्थिति का निरीक्षण किया। राजस्व टीम को जलस्तर के साथ ही गांवों की निगरानी करने और लोगों को आवागमन के लिए लोगों से वार्ता की गई।


गंगानगर में घुसा पानी


गंगा नदी के रौद्र रूप के कारण समूचे खादर क्षेत्र में भय का वातावरण है, लेकिन सर्वाधिक खतरा गंगा के रेतीले टापू पर बसे गांव गंगानगर में रहने वाले को पैदा हो गया है। बृहस्पतिवार शाम गांव के निकट करीब एक फीट तक पानी भर गया। उफनती गंगा के कारण गांव में रहने वाले सौ से भी अधिक परिवारों को जान-माल का नुकसान होने का खतरा हर समय बना हुआ है।