चोरी छिपे मोबाइलों में फिर से दस्तक दे रहा 'टिकटॉक'


अहमदाबाद I 30 जून को जिस चाइनीज ऐप टिकटॉक पर भारत सरकार ने बैन लगा दिया था, वह फिर से चोरी-छिपे मोबाइल में दस्तक देने लगी है। इस बार ऐप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर की बजाय एक खास लिंक के जरिए सीधे ब्राउजर से डाउनलोड हो रहा है। यह लिंक चुनिंदा मोबाइल फोन पर भेजा जा रहा है। 


सूरत अहमदाबाद में भी कई लोग यह ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। एक यूजर के फोन में डाउनलोड और एक्टिव होते देखने के बाद इसकी पड़ताल की। साइबर एक्सपर्ट, एथिकल हैकर्स और साइबर पुलिस भी हैरान है। एक्सपर्ट कहना है कि हो सकता है टिकटॉक ने थर्ड पार्टी की मदद से तिकड़म लगाई हो। सरकारी एजेंसियों को तत्काल एक्शन लेना चाहिए।


जो लोग पहले से टिकटॉक के यूजर रह चुके हैं और वीडियो, फोटो अपलोड करते थे उन्हें फिर से जोड़ा जा रहा है। इसे वाट्सऐप, ई मेल, मैसेज और मैसेंजर से एपीके फोरमेट में भेजा रहा है। गूगल पर सर्च करने वालों को मेल आ रहा है। 


जानकारी के मुताबिक, वॉट्सऐप पर आए लिंक को क्लिक करते ही वॉट्सऐप का एक्सेस मांगता है और ओके करने पर एक्टिव हो जाता है। मैसेंजर वाले लिंक में फेसबुक का एक्सेस मांगता है। यदि आपके पास ये दोनों ऐप पहले से नहीं है तो टिकटॉक डाउनलोड नहीं होगा। इस बार डाउनलोड करने वालों से फोन के सारे एक्सेस देने पड़ रहे हैं। इस बार टिकटॉक के वीडियो अन्य सोशल मीडिया ऐप पर शेयर नहीं हो रहे हैं।