ब्लड प्रेशर के साथ कोलस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में रामबाण है वुड एप्पल (कैथा)

कैथे के कच्चे फल में पके फल की अपेक्षा विटामिन सी और अन्य फ्रूट एसिड की अधिक मात्रा होती है।



मानव और पौधौं का साथ सदियों पुराना है। जितनी गहरी दोस्ती उतनी ही तंदरुस्त प्रकृति। जितनी खुश प्रकृति उतने ही सेहतमंद व्यक्ति। इसमें नेमत हैं वो फल, जो खाने में जितने स्वादिष्ट हैं, सेहत बनाने में उतने ही सफल। आज बात कैथा की।


कैथा


वूड एप्पल या कैथा ऐसा ही फल है जिसका पेड़ बिना किसी ज्यादा मशक्कत के अपने आप उग जाता है। कैथा विटामिन बी-12 का अच्छा स्नोत है। इसके द्वारा तरह-तरह के खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं जैसे जैम, जेली, शर्बत, चॉकलेट और चटनी आदि। ब्लड प्रेशर के साथ कोलस्ट्रॉल के लिए यह फल बहुत फायदेमंद होता है।


फल


5-9 सेमी परिधि वाले इसके गोल फल अत्यंत पौष्टिक होते हैं। कच्चे पर खट्टे और पकने पर मीठे होते हैं। दोनों को ही चाव से खाया जाता है।


फिरोनिया लिमोनिया: वैज्ञानिक नाम


30 फीट: औसत लंबाई


फायदे



  • इसके पाउडर को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।

  • यह फल कोलस्ट्रॉल तथा ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करता है।

  • पके हुए इस फल का शरबत शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

  • कच्चे फल में पके फल की अपेक्षा विटामिन सी और अन्य फ्रूट एसिड की अधिक मात्रा होती है।

  • बीज में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होता है। इसमें सभी आवश्यक लवण पाए जाते हैं तो गूदे (पल्प) में कार्बोहाइड्रैट और फाइबर होता है। इसमें विटामिन बी1 और बी2 भी होता है।


कमाल की पौष्टिकता


कैथे के कच्चे फल में पके फल की अपेक्षा विटामिन सी और अन्य फ्रूट एसिड की अधिक मात्रा होती है। बीज में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होता है। बीज में सभी आवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं। गूदे में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है। विटामिन सी सहित आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक भी पाया जाता है। इससे जैम, जेली, अमावट, शर्बत, चॉकलेट और चटनी बनाई जाती है जो ग्रामीण स्तर पर व्यवसाय का एक अच्छा साधन साबित हो सकता है।