भारत में इस जगह पर आते-जाते रहते हैं एलियंस

आपको यह जानकार हैरानी होगी कि भारत में एक जगह है जहां एलियन हर महीने आते हैं। इस दावे को नासा ने उस समय स्वीकार किया। जब जून 2006 में गूगल सेटेलाइट ने यूअफओ की तस्वीर जारी की।



विज्ञान के लिए एलियंस आज भी एक पहेली है कि वे धरती पर कहां और किस मकसद से आते हैं। इस विषय पर ढेर सारी मूवीज बन चुकी हैं, लेकिन इस पहेली से पर्दा नहीं उठ पाया है कि वे कहां से और क्यों आते हैं। हॉलीवुड की मूवी द फोर्थ काइंड में दिखाया गया है कि कैसे अलास्का शहर से लोग गायब हो रहे हैं। जब इस रहस्य से पर्दा हटता है तो पता चलता है कि इन लोगों को एलियंस अपने साथ ले जाते हैं।


हालांकि, एलियंस भी कुछ चिन्हित जगहों पर ही आते हैं। रूस और अमेरिका में तो इसे कई बार देखा गया है। साथ ही इस लिस्ट में भारत भी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक जगह है, जहां एलियंस हर महीने आते हैं। इस दावे को नासा ने उस समय स्वीकार किया। जब जून 2006 में गूगल सेटेलाइट ने यूअफओ की तस्वीर जारी की। इस तस्वीर में यूअफओ को साफ़ देखा जा सकता है। आइए जानते हैं कि भारत के किस स्थान पर एलियंस आते-जाते रहते हैं-



कोंगका ला दर्रा


यह जगह हिमालय की गोद में बसा है जो लद्दाख में स्थित है। इस जगह पर जाना बेहद मुश्किल है क्योंकि यह दर्रा बर्फ से ढकी है। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद एक सहमित बनी। इस सहमित के तहत दोनों देशों के सैनिक इस जगह पर मार्च नहीं कर सकते हैं, बल्कि दूर से ही इसकी निगरानी कर सकते हैं। उस सहमित के बाद से यह जगह और वीरान हो गया है।


इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ सिद्ध पुरुष कोंगका ला दर्रा पर जाते हैं। जहां उन्हें उड़न तश्तरी देखने को मिलता है। अगर कोई व्यक्ति उड़न तश्तरी देखना चाहता है तो कोंगका ला दर्रा में इसे देख सकता है क्योंकि इस जगह पर हर महीने एलियंस आते हैं। लोगों की आवाजाही कम होने की वजह से एलियंस अपनी उड़न तस्तरी लेकर कोंगका ला दर्रा आते-जाते रहते हैं। विज्ञान अब तक उड़न तश्तरी की पहेली को सुलझा नहीं पाया है। इसलिए कोंगका ला दर्रा में एलियंस के आने का रहस्य अब भी बरकरार है।