बलरामपुर अस्पताल को Covid अस्पताल बनाने की तैयारी


लखनऊ । कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसे देखते हुए अतिरिक्त बेड की जरूरत होगी। सीएमओ डॉ.आरपी सिंह ने इस संबंध में गुरुवार को जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजा है। जिला प्रशासन से सहमति मिलते ही बलरामपुर अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाया जाएगा। जिसके बाद यहां भी कोरोना मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो जाएगा।







राजधानी में फिलहाल केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई, लोकबंधु अस्पताल, बीकेटीे राम सागर मिश्र अस्पताल में कोरोना मरीजों को भर्ती करके इलाज दिया जा रहा है। बलरामपुर अस्पताल में 756 बेड हैं। अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए अलग से लैब स्थापित की गई है। अब इसको कोविड-19 अस्पताल भी बनाए जाने का प्रस्ताव है।


सीएमओ डॉ.सिंह ने बलरामपुर अस्पताल को पूरी तरह से कोविड-19 अस्पताल बनाने के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेड की उचित संख्या जरूरी है। साथ ही कोविड-19 के डायलिसिस मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए डायलिसिस यूनिट के बेड का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।


एलडीए के ट्रस्ट अनुभाग में एक अमीन कोरोना पाजेटिव है, जिसके बाद में यहां 50 फीसद उपस्थिति का रोस्टर लागू करने और टेस्टिंग की मांग की गई। कर्मचारी यूनियन ने दफ्तर को दिन के लिए बंद कर के सैनिटाइजेशन कराने की भी मांग की है। दूसरी ओर व्यवसायिक संपत्ति विभाग ने तो 50 फीसद कर्मचारी आने का रोस्टर लागू भी कर दिया है। प्राधिकरण के ट्रस्ट अनुभाग में एक अमीन को कोरोना संक्रमण अपने संक्रमित पुत्र के जरिये हुआ। इस बात की जानकारी जब एलडीए में पहुँची तो कर्मचारियों के बीच घबराहट फैल गई। एलडीए कर्मचारी यूनियन के महामंत्री दिनेश शुक्ला ने बताया कि कर्मचारियों की टेस्टिंग के लिए कैंप लगाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा दफ्तर बंद कर के दो दिन सैनिटाइजेशन भी करवाया जाए। दूसरी ओर एलडीए के संयुक्त सचिव डीएम कटियार ने बताया कि व्यवसायिक संपत्ति विभाग में 50 फीसद कर्मचारी ही रोज दफ्तर आएंगे। ये व्यवस्था लागू कर दी गई है।