अस्पताल में नहीं था कोरोना संक्रमित शवों के लिए डेडबॉडी बैग, चादर में बांधकर ले गए कोरोना पॉजिटिव का शव


बरेली। लाखों-करोड़ों रुपये सरकार ने खर्च कर दिए कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने की कोशिश में लेकिन सरकारी सिस्टम जो न सितम ढाए कम है। जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित की मौत के बाद शव देने के लिए डेडबाडी बैग तक नहीं था। परिजन थोड़ी देर तो बैग की खातिर खड़े इंतजार करते रहे। फिर कोरोना पाजिटिव का शव चादर में बांधकर ही लेकर चले गए। शव श्मशान भूमि पहुंचा तो पीछे स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट लेकर आए।


बदायूं के बिल्सी के रहने वाले 60 वर्षीय बुजुर्ग को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत गंभीर थी। उनका सैंपल ट्रू नैट से जांच के लिए भेजा गया और उसकी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। इस बीच उनकी  तबियत बिगड़ने पर कोविड-19 अस्पताल रेफर किया गया लेकिन उनकी मौत हो गई।


कोरोना संक्रमित शव ले जाने के लिए अस्पताल में डेडबाडी बैग ही नहीं था। संक्रमित के शव से स्टाफ भी दूरी बनाकर खड़ा हो गया। परेशान परिजनों ने शव चादर में बांधा और एंबुलेंस से श्मशान भूमि ले गए। उसके बाद वहां स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट लेकर पहुंचे। शव का अंतिम संस्कार कर परिजन चले गए।


अस्पताल में डेडबाडी बैग नहीं था। सीएमओ कार्यालय से संपर्क किया गया लेकिन जब तक बैग आता, परिजन शव लेकर चले गए थे। बाद में जानकारी जुटाकर पीपीई किट अंतिम संस्कार स्थल पर भेजी गई। 
डा. एके गौतम, चिकित्सा अधीक्षक