ज्योतिष में हस्तरेखा का विशेष स्थान है। इसमें भी सूर्य रेखा के विशेष मायने हैं। हाथ में सूर्य रेखा कहां से प्रारंभ होती है, इसके परिणाम उसी पर निर्भर करते हैं। यदि सूर्य रेखा चंद्र क्षेत्र से शुरू होती है तो व्यक्ति का भाग्य खुद की मेहनत के बाद दूसरों की सहायता से चमकता है। ऐसे लोगों की तरक्की के पीछे दूसरे लोगों का हाथ होता है। व्यक्ति के दोस्त या कोई करीबी उसकी मदद करता है और वह निरंतर आगे बढ़ता रहता है।
चंद्रक्षेत्र से शुरू होकर अनामिका तक पहुंचने वाली गहरी सूर्य रेखा वाले व्यक्ति का जीवन रहस्यों से भरा हुआ होता है। व्यक्ति के जीवन में अनेक घटनाएं होती हैं जो उसे संदेहपूर्ण बनाती हैं। ऐसे व्यक्ति के जीवन में अनेक बदलाव होते रहते हैं। हालांकि यदि सूर्य रेखा चंद्र स्थान से निकलकर भाग्य रेखा के समानान्तर जाती हो तो उसका भविष्य सुखमय होता है। लेकिन ऐसे व्यक्ति के जीवन में प्रेम बाधा ना बने और दृढ़ विचार होने के साथ मस्तिष्क रेखा अच्छी हो तो वह तेजस्वी और प्रसन्नचित होता है।
ऐसे व्यक्ति के विचार कभी स्थिर नहीं रहते। ऐसा व्यक्ति पहले कुछ सोचता है और फिर एकाएक अपने विचारों को बदल देता है। ऐसे लोगों में प्रसिद्धि पाने की इच्छा होती है, लेकिन दृढ़ संकल्प के अभाव के कारण वह सफलता नहीं पाता। यदि सूर्य रेखा भाग्य रेखा से शुरू होती तो इससे भाग्य रेखा से मिलने वाले लाभ में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होती है।
सूर्य रेखा भाग्य रेखा के जिस स्थान से ऊपर उठती है वहीं से उन्नति आरंभ होती है। यह रेखा जितनी अधिक साफ और सुंदर होती उन्नति भी उतनी ही अधिक होगी। इस तरह की रेखा वाला व्यक्ति कुशल कलाकार एवं दस्तकार होता है। ऐसा व्यक्ति सुंदरता का पुजारी और प्राकृतिक दृश्यों का प्रेमी होती है। वह प्रकृति और सुंदरता का प्रेमी होता है। यदि सूर्यरेखा सूर्यक्षेत्र की तरफ ना जाकर शनि की अंगुली की ओ जाए तो ऐसा व्यक्ति बेहद मुश्किलों से जूझता हुआ सफल्ता पाता है। बावजदू इसके धन और उन्नति के बाद भी ऐसे लोगों को सुख नहीं मिल पाता।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)