लिंब सेंटर को कोविड हॉस्पिटल बनाने का विरोध


लखनऊ। केजीएमयू के लिंब सेंटर को कोविड हॉस्पिटल बनाने का विरोध तेज हो गया है। भवन में संचालित पांच विभागों को खाली करने का दोबारा नोटिस जारी किया गया। इसकी शिकायतकर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।लिंब सेंटर में 200 बेड का कोविड हॉस्पिटल बनाने की योजना है। इसके लिए केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कमेटी बनाई। कमेटी ने भवन को कोविड हॉस्पिटल के लिए उपयुक्त बताया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया। इस दौरान केजीएमयू के प्रस्ताव को शासन ने रफ्तार देते हुए तीन करोड़ 96 लाख रुपए का बजट को मंजूरी दी। एक करोड़ 96 लाख रुपए सशर्त जारी किया गया है।कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार भूमि या जमीन पर किसी भी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। लिंब सेंटर का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लिंब सेंटर में कृत्रिम अंग के निर्माण की कार्यशाला है। इसमें दिव्यांगजनों के कृत्रिम अंग बनाए जाते हैं। कार्यशाला हटाए जाने से काम प्रभावित होगा। यदि कार्यशाला इसी भवन में रहती है तो वहां के कर्मचारी एवं दिव्यांगजनों को अपने आधे कार्य के लिए कार्यशाला में आना होगा। जो कि कोविड-19 के रूप में रेड जोन होगा। शासन ने यह भी शर्त रखी गई है कि इस परियोजना पर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। जबकि लिंब सेंटर में टाइल्स लगाने आदि का काम शुरू करा दिया गया है।