युवाओं को सता रहा नौकरी और शादी ना होने का डर


लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले युवा टेंशन में हैं। इसका कारण इन्हें नौकरी और विवाह न होने का डर सता रहा है। इनके अवसाद में जाने का खतरा पैदा हो गया है। 25-35 वर्ष आयु वर्ग के यह युवा मनोवैज्ञानिकों से अपने भविष्य को लेकर दिमाग में आ रहीं उलझनों को दूर करना चाह रहे हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे समय में इनकी काउंसिलिंग करना मुश्किल हो रहा है।


लॉकडाउन और इसके बाद से लगातार युवा वर्ग की चिंता बढ़ती जा रही है। पूर्व में मनोवैज्ञानिक सलाह के लिए युवाओं का जो औसत सप्ताह में तीन-चार था वह प्रतिदिन बढ़कर 06 से 10 हो गया है। इनकी मुख्य चिंता करियर, विवाह और घरों में मिल रहे ताने हैं। जहां अफेयर था वहां से भी टकराव की नौबत आ गई है।


घर वाले हमदर्दी रखें
साइकोलॉजिकल टेस्टिंग एंड काउंसिलिंग सेंटर के निदेशक और पूर्व मंडलीय मनोवैज्ञानिक डॉ. एलके सिंह का कहना है कि युवाओं की काउंसिलिंग आसान नहीं है। पढ़े लिखे युवा कई क्रॉस प्रश्न करते हैं। मैं तो उन्हें समझाता ही हूं लेकिन परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वे उनके प्रति हमदर्दी रखें। किसी तरह का उलाहना या तंज न करें। वे अपनी चिंताओं से ग्रस्त हैं और रात भर जाग रहे हैं। ज्यादातर युवा रात या देर रात में फोन करके सलाह लेते हैं। मंडलीय मनोवैज्ञानिक डॉ. नरेश चंद्र का कहना है कि उनके सेंटर पर युवा अपने करियर को लेकर ज्यादा फोन करते हैं।


ऐसे टेंशन करें दूर



  • जो हो गया उसे भूल कर आगे के बारे में सोचें

  • आत्मविश्वास बढ़ाएं और धैर्य कतई न छोड़ें

  • आप पढ़े लिखे हैं तो प्रयास करें नौकरी मिलेगी

  • अगर आप स्किल्ड हैं तो इस दिशा में जॉब देखें

  • माता-पिता की बात का बुरा न मानें, उन्हें समझें

  • अफेयर में टकराव की स्थिति में इमोशनल न हों