लखनऊ I बिजली बकाये के झंझट से बचने के लिए राजधानी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान चल रहा है। इसके तहत उपभोक्ता पहले रिचार्ज कूपन के जरिये बिल जमा करता है, उसके बाद बिजली इस्तेमाल करता है। इसमें बकाये बिल का कोई मतलब नहीं होता है। इसके बावजूद वृंदावन, गोमतीनगर के कई उपभोक्ताओं को 30 हजार से लेकर 90 हजार तक बिल भेज दिया गया।
नतीजतन बकाया बिल के कारण ऑनलाइन कनेक्शन कट जाता है। परेशान उपभोक्ता अधिशासी अभियंता कार्यालय में चक्कर लगाता है। तब पता चलता है कि उपभोक्ताओं को सीडीएफ (सीलिंग डिफेक्ट) यानि फर्जी बिल भेज दिया गया।
अवध विहार योजना निवासी किरन ने बताया कि घर में तीन किलोवाट का स्मार्ट प्रीपेड कनेक्शन (खाता सं.4907863834) लगा है, लेकिन विभाग द्वारा 64,449 रुपये का बिल भेज दिया। जिसके बाद बकाये पर कनेक्शन कट गया, जिसके बाद विभाग में लिखित शिकायत की।
31 हजार का गलत बिल भेज दिया
वृंदावन डिवीजन के राकेश कुमार वर्मा के घर में तीन किलोवाट का स्मार्ट प्रीपेड कनेक्शन (खाता सं. 1347955170) है, लेकिन विभागीय लापरवाही से बिजली बिल सीलिंग (सीडीएफ) में चला गया, जिससे 31,405 रुपये का बिल आ गया और बिजली कनेक्शन कट गया। परेशान उपभोक्ता ने अधिशासी अभियंता से शिकायत की।
गलत बिल आने से कटा कनेक्शन
अवध विहार योजना निवासी विश्वजीत कुमार के घर में तीन किलोवाट स्मार्ट प्रीपेड कनेक्शन (खाता सं. 3017701740) है। अचानक एक जून को बिजली कट गई। जब वह उपकेंद्र पहुंचे तो पता चला कि सीडीएफ (सीलिंग डिफेक्ट) से ऐसी गड़बड़ी हुई है। जिससे उपभोक्ता का करीब 66 हजार रुपये का बिल आ गया। ऐसी खामियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। गलती विभाग की होती है, लेकिन भुगतना उपभोक्ता को पड़ रहा है।