सही रत्न न पहनना खड़ी कर सकता है बड़ी मुसीबत


ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बेहद महत्व है, साथ ही इन्हें काफी शक्तिशाली माना गया है। ज्योतिषों की मानें तो रत्न के प्रभाव से बड़ी से बड़ी समस्या का निदान हो जाता है। कहा जाता है कि इनमें इतनी शक्तियां होती हैं कि अगर कोई सही समय और अपने ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किया जाए तो सफलता निश्चित है।


रत्‍नशास्‍त्र के अनुसार रत्‍नों को धारण करने से जीवन में सकारात्‍मकता आती है, साथ ही उस रत्‍न से संबंधित ग्रह के शुभ फल भी प्राप्‍त होते हैं। वहीं, अगर गलत समय या गलत रत्न धारण कर लिया तो उसे प्रभाव प्रतिकूल भी आते हैं, जिससे नुकसान की आशंका बढ़ जाती है।


रत्नों में मंदे, कमज़ोर एवं सोए हुए ग्रहों को बलशाली और जगाने की क्षमता होती है, लेकिन जब तक विशेषज्ञ की सलाह न मिले, रत्न धारण नहीं करना चाहिए। बिना ज्योतिषि राय के रत्न धारण करना जातक की किसी विशेष क्षेत्र की या फिर उसके लिए पूर्ण बर्बादी का कारण बन सकता है।


हर रत्न का अपना प्रभाव


जैसा कि पहले ही बताया गया है कि रत्‍नशास्‍त्र के अनुसार रत्‍नों को धारण करने से जीवन में सकारात्‍मकता आती है। उपयुक्त समय पर सही रत्न धारण करने जहां संबंधित ग्रह शुभ फल देते हैं, वहीं गलत रत्न धारण करना बड़ी मुसीबत भी ला सकता है।


सबसे ज्यादा खास बात यह है कि रत्न हर कोई नहीं पहन सकता, जिसके लिए जो रत्न बना है, वही पहनना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ कुंडलियां ऐसी भी होती हैं, जिनमें रत्न धारण करने जैसा कोई योग नहीं होता। ऐसे जातकों को जीवनकाल में किसी भी प्रकार का रत्न धारण नहीं करना चाहिए।