नई दिल्ली I भारत रूस से हथियारों की खरीद तेज कर सैन्य शक्ति मजबूत करने और सीमाओं को अभेद्य बनाने में जुटा है। अमेरिका, इजरायल, फ्रांस जैसे देशों से खरीद बढ़ने के बावजूद रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। सामरिक रिश्तों में लंबे भरोसे का ही संकेत है कि अमेरिका के कड़े प्रतिरोध के बावजूद भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम सौदे पर आगे बढ़ चुका है।
भारत 5.43 अरब डॉलर में रूस से सतह से हवा तक अचूक सुरक्षा देने वाला एस-400 एयर मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट का करार कर चुका है। दो यूनिट 2021 के अंत तक भारत को मिलनी हैं। यह डिफेंस सिस्टम मल्टी फंक्शन रडार से लैस है। सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट जैसे अमेरिका का एफ-35 भी इसके हमले से बच नहीं सकते।
मेक इन इंडिया के लिए सबसे मुफीद
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि रूस भारत में ही हथियारों के उत्पादन की मेक इन इंडिया तकनीक के सबसे मुफीद है। दो सौ कामोव हेलीकॉप्टरों और सुखोई लड़ाकू विमानों का एचएएल में उत्पादन इसका ताजा उदाहरण है। अमेठी में जल्द ही एके-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण शुरू होगा। रूस से चार युद्धपोतों के सौदों में दो का निर्माण भारत में ही हो रहा है।
अंतरिक्ष तक सहयोग
भारत के गगनयान प्रोजेक्ट के लिए रूस भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण दे रहा है। भारत का पहला मानव मिशन 2022 तक शुरू होने की उम्मीद है।
भारत के पास छह रूस निर्माण युद्धपोत
भारतीय नौसेना पहले से ही रूस के सहयोग से निर्मित आईएनएस तलवार, त्रिशूल, ताबर, तेग, तरकश और त्रिकांड का संचालन कर रही है।
बेजोड़ ब्रह्मोस
भारत और रूस के बीच हथियारों के संयुक्त उत्पादन, तकनीक हस्तांतरण में ब्रह्मोस बेजोड़ उदाहरण है। चीन के दुश्मन फिलीपींस, वियतनाम ये मिसाइल खरीदने का संकेत दे चुके हैं।
-12 अरब डॉलर के मेक इन इंडिया सैन्य प्रोजेक्ट रूस के पास
-25 अरब डॉलर के हथियारों की खरीद और होने के आसार
-58 फीसदी हथियार रूस से खरीदता है भारत
रूस से बड़े सौदे
-चार युद्धपोत : 17,000 करोड़ रुपये
-7.50 लाख असॉल्ट राइफलें:12,000 करोड़ रुपये
-18 सुखोई—30 एमकेआई लड़ाकू विमान:5,000 करोड़ रुपये
-कामोव-226टी यूटिलिटी हेलीकॉप्ट: 3,600 करोड़ रुपये
-परमाणु पनडुब्बी : 21,000 करोड़ रुपये
लड़ाकू विमानों के सौदे की भी दौड़ में
-5175 शार्ट रेंज की इग्ला एस मिसाइल का 1.5 अरब डॉलर में सौदा
-18 अतिरिक्त सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों का निर्माण 2022 तक
-छह पनडुब्बियों का सौदा जल्द हो सकता है, रूस तकनीक देने को तैयार
-114 मध्यम लड़ाकू विमानों की दौड़ में रूस का मिग-35, सुखोई-35
-5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के साझा उत्पादन को जल्द मंजूरी संभव
एस-400 बेहद अचूक
-36 निशानों को एक साथ भेद सकता है यह मिसाइल सिस्टम
-05 पांच मिनट में युद्ध के लिए तैयार किया जा सकता है।
-400 किमी दूर विमान, ड्रोन, मिसाइल ध्वस्त करने में सक्षम
-600 किलोमीटर तक लगातार सटीक निगाह रखती है यह प्रणाली