पिता की सेवा करिये, जीवन में मिलेगा यह सबकुछ

वैसे तो हमारा जन्म होने पर ही हमारी कुंडली के सभी ग्रहों का बल उसी समय गोचरीय ग्रहस्थिति से निश्चित हो जाता है। इसी आधार पर हमारा पूरा जीवन आगे बढ़ता है, लेकिन हमारे तात्कालिक कर्म और व्यवहार भी हमारे जन्मकालीन ग्रहों के बल को प्रभावित करते हैं जिससे आपकी कुंडली के ग्रह कमजोर या मजबूत होते हैं। आज हम यहां नौ ग्रहों से जुडी कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिनसे आपके ग्रह मजबूत होने लगेंगे।

-अपने पिता की सेवा, उनके साथ सद-व्यवहार और सम्मान करने से आपक सूर्य मजबूत होता है। इससे आपके जीवन में यश, तेज, आरोग्य और प्रतिष्ठा की वृद्धि होती है।

-अपनी माता और माता तुल्यों का सम्मान उनकी सेवा, सदव्यवहार से आपका चन्द्रमा मजबूत होता है। इससे आपके जीवन में मानसिक शांति, एकाग्रता और जीवन के लक्ष्यों की पूर्णता बढ़ती है।

-बड़े भाई और श्रमिक मजदूरों की सेवा उनके साथ सद-व्यवहार से आपका मंगल मजबूत होता है। इससे आपके जीवन में पराक्रम, निडरता और निर्भयता आती है और आपकी कार्य क्षमता भी बढ़ती है।

-छोटे बच्चों और अपने छोटे भाई-बहनों के साथ अच्छा व्यवहार करने, छोटे बच्चों को प्रसन्न करने से बुध मजबूत होता है और इससे आपकी बौद्धिक-क्षमता और वाणी शक्ति बढ़ती है और आपमें प्रतिभा की वृद्धि भी होती है।

-कर्मकाण्डी ब्राह्मण, गुरु, साधु-संत और बुजुर्ग लोगों की सेवा और धार्मिक स्थलों में की गई सेवा से आपका बृहस्पति मजबूत होता है और इससे आपके जीवन में ज्ञान, विवेक, सद-बुद्धि बढ़ती है और जीवन में उन्नति होती है।

-स्त्रियों के प्रति हमेशा सम्मान रखना, उनसे अच्छा व्यवहार और उनकी सहायता या सेवा करने से आपका शुक्र मजबूत होता है और इससे आपके जीवन में धन-समृद्धि सुख-सुविधाएं और वैभव बढ़ता है।

-गरीब, जरुरतमंद लोग, विकलांग और अतिवृद्ध व्यक्तियों की सेवा से शनि मजबूत होता है और इससे आपके कार्य-व्यवसाय में उन्नति और जीवन में सफलता मिलती है।शनि की साढ़ेसाती इत्यादि का नकारात्मक प्रभाव भी कम हो जाता है।

-दादा, बाबा और नानी की सेवा करने, तामसिक पदार्थों से दूर रहने, झूंठ ना बोलने और कुसंगति से दूर रहने से आपका राहु अच्छा होता है और इससे आपके जीवन में मानसिक स्थिरता आती है। मति भ्रम नहीं होता और राहु की दशा भी शुभ परिणाम देती है।

-अपनी दादी, अम्मा, नाना की सेवा करने, आध्यात्मिक मार्ग पर चलने से आपका केतु अच्छा होता है और केतु की दशा इत्यादि में आपके जीवन में बाधाएं नहीं आतीं।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)