फर्जीवाड़े में लखनऊ के 89 शिक्षकों की नियुक्ति होगी निरस्त


लखनऊ। लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त की जाएंगी। अब तक वेतन के रूप में किए गए भुगतान की रिकवरी भी होगी। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी किए जाने की पुष्टि हुई है। निदेशालय के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने कार्रवाई शुरू कर दी है।


जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) नन्द कुमार से इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा है। वहीं, जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह को इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में किए गए भुगतान पर रिपोर्ट देने को कहा गया है।


ये सभी नियुक्तियां शहर के सरकारी सहायता प्राप्त बालिका विद्यालयों में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) धीरेन्द्र नाथ सिंह के कार्यकाल में करीब तीन साल पहले की गई थीं। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत इन सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। उसी के आधार पर डीआईओएस प्रथम और डीआईओएस द्वितीय से प्रस्ताव मांगा गया है। 


नौकरी बांटने के लिए हुआ खेल: 
इस पूरे प्रकरण की जांच अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) के स्तर पर की गई है। जांच में नियमों का अनदेखी कर नियुक्तियां किए जाने की पुष्टि हुई है। जांच में पाया गया है कि कई विद्यालयों में शिक्षकों के पद मृत होने के बाद भी नियुक्तियां कर दी गईं। 


करीब 13 करोड़ की रिकवरी 
अभी तक इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में करीब 13 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। डीआईओएस प्रथम के कार्यालय से बीते जनवरी माह में इसका आंकलन करीब 11.25 करोड़ रुपये किया गया था। अब यह बढ़कर 13 करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद जताई जा रही है।