फर्जी टीचर केस : खुलासा होते ही स्कूलों से गायब हो गईं अनामिका


लखनऊ । यूपी के चर्चित अनामिका शुक्ला फर्जी टीचर केस का खुलासा होते ही उसके नाम से नौकरी कर ही शिक्षिकाएं गायब हो गई हैं। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने बताया कि 11 मार्च को अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच के आदेश हुए थे। सबसे पहले इस केस का पता बागपत में चला। जानकारी मिलते ही बागपत में अनामिका के नाम से नौकरी कर रही शिक्षिका फरार हो गईं। बाकी अन्य जिलाें में भी जब संपर्क किया गया तो पता चला अनामिका के नाम से नौकरी कर रही शिक्षिकाएं नहीं आ रही हैं और उनका फोन भी बंद हो गए हैं। 


बेसिक शिक्षा मंत्री के मुताबिक हमने प्रेरणा फ्रेमवर्क लागू किया है। इसमें विभाग के सभी शिक्षकों व कर्मचारियों का ब्योरा दर्ज है। इसे हमने केजीबीवी में भी फरवरी में लागू किया है। इसमें कहीं भी दूसरी जगह फीडिंग होगी तो पकड़ में आ जाएगा। इसीके मार्फत यह मामला पकड़ में आया है। बड़ौत के बागपत में जांच हुई तो सामने आया कि इस नाम की शिक्षिका वाराणसी, कासगंज, अलीगढ़, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर, अमेठी और अम्बेडकर नगर में भी हैं।


अमेठी में बर्खास्तगी वाराणसी में केस दर्ज : 


अमेठी और वाराणसी में शिक्षा विभाग ने अनामिका प्रकरण में कार्रवाई की है। अमेठी में बीएसए ने केजीबी में कार्यरत अनामिका को बर्खास्त करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर करवा दिया है। दूसरी ओर वाराणसी में अनामिका शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।


अमेठी में पड़ताल करने पर पता चला कि अनामिका द्वारा जिले में दिए गए सारे प्रमाण पत्र सत्य पाए गए थे। मसलन हाईस्कूल से लेकर सभी सर्टिफिकेट व निवास प्रमाण पत्र के साथ ही आधार कार्ड भी सत्यापन में सही पाया गया। इतना ही नहीं वह डयूटी पर भी आती थी और हस्ताक्षर भी करती थी।


अब सबकी हो रही जांच : अनामिका प्रकरण के बाद बीएसए अमेठी ने सभी केजीबीवी कार्मिकों की जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार व शुक्रवार को सभी को कार्यालय में अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।


दूसरी ओर एबीएसए सेवापुरी वाराणसी बृजेश कुमार श्रीवास्तव की ओर से दी गई तहरीर में अनामिका पर चयन समिति को गुमराह करके व जाली अंकपत्र के जरिए ने अपनी नियुक्ति कराने का आरोप लगाया गया है। एबीएसए की तहरीर पर पुलिस ने 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। अनामिका मूलरूप से हसनपुर थाना बेवर जिला मैनपुरी निवासी सुभाष चंद्र शुक्ला की पुत्री है। उस पर आरोप है कि उसने फर्जी अंकपत्र के सहारे कई स्कूलों में नौकरी की और वेतन लाभ लिया है।