फल, सब्जियों और दवाइयों पर इस्तेमाल न करें सैनिटाइजर


कोरोना वायरस संकट में संक्रमण से बचने के लिए तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं। आमतौर पर हाथों को सैनिटाइज करने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले सैनिटाइजर से ही सब्जी, फल और खाने-पीने की बाकी सामग्री को भी सैनिटाइज कर रहे हैं। जबकि ऐसा करना घातक है। इस तरह के सैनिटाइजर से खाने-पीने की वस्तुओं को सैनिटाइज करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। पीजीआइ चंडीगढ़ के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉक्टर सोनू गोयल का कहना है कि रेगुलर सैनिटाइजर केवल हाथों और धातुओं से बनी चीजों को सैनिटाइज करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।


फल और सब्जियों पर वायरस 6 से 7 घंटे तक रहता है जीवित : डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि फल और सब्जियों पर कोरोना वायरस 6 से 7 घंटे तक जीवित रहता है। ऐसे में लोग जब भी सब्जी या फल खरीदें तो उसे कम से कम 4 घंटे के लिए बिना छुए किसी जगह पर रख दें। इसके बाद जिस पैकेट या कैरी बैग में फल या सब्जी है, उस पैकेट व कैरी बैग को नष्ट कर दें। इसके बाद गर्म पानी से फल और सब्जियों को धो लें या फिर बेकिंग सोडा से और गर्म पानी के साथ इसे अच्छे से साफ कर लें। इससे कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो जाएगा, जो कि लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। लोगों को फल और सब्जियों पर कभी भी रेगुलर सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।


गर्म पानी से नहीं धो सकते तो ऐसे करें साफ : डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि खाने पीने की कई ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें गर्म पानी से साफ नहीं किया जा सकता। ऐसी चीजों को बाजार से खरीद कर घर लाने पर कम से कम 4 घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ देना चाहिए, ताकि उस पर से कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो सके। या फिर पानी में पोटैशियम परमैंगनेट केमिकल मिलाकर इसे साफ कर सकते हैं।


दवाइयों पर न करें सैनिटाइजर का इस्तेमाल : डॉ. गोयल ने बताया कि ऐसी कोई रिसर्च या फैक्ट सामने नहीं आया है कि दवाइयों की शीशी और टैबलेट्स पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर उस पर से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है। लोगों को चाहिए कि वे जब भी केमिस्ट शॉप से दवा खरीदें, उसे फौरन न खाएं। इसे कम से कम अपने घर में रूम टेंपरेचर में 4 से 5 घंटे के लिए छोड़ दें। इसके बाद ही दवाइयों का सेवन करें।


बाजार से आने वाले पके खाने से कोई खतरा नहीं, लेकिन... डॉ. गोयल के मुताबिक, जो लोग बाजार से पका हुआ खाना ऑर्डर कर रहे हैं या उसे खा रहे हैं, वह खाना पूरी तरह से सुरक्षित है। क्योंकि खाने को 90 से 100 डिग्री सेल्सियस पर पकाया जाता है। ऐसे में वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाता है, लेकिन इस खाने को बाजार से डिलीवरी के तौर पर लोगों के घर तक कौन ले जा रहा है या उसकी पैकिंग कौन कर रहा है, इस बात का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि खाना बनने के बाद इसकी पैकिंग और इसकी डिलीवरी तक कई लोग इसको छूते हैं। ऐसे में लोगों को फिलहाल बाजार से खाना मंगवा कर खाने से परहेज करना चाहिए।


जूतों को घर से रखें बाहर : इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जो लोग अक्सर घर से बाहर काम के सिलसिले में रहते हैं, उन लोगों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वह जो भी जूते या चप्पल पहन कर घर से बाहर जाते हैं उन्हें वापस आने पर घर के बाहर ही उतार दें। घर से बाहर पहन कर गए जूते और चप्पल को घर के अंदर नहीं लाना चाहिए। क्योंकि हो सकता है कि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो और उसने सड़क पर थूक दिया हो। यदि उसके ऊपर आपका जूता या चप्पल पड़ गया हो तो वायरस घर तक आ सकता है। ऐसे में चप्पल जूते कम से कम 48 घंटे के लिए घर से बाहर रखें तो यह वायरस से सुरक्षा के लिए बेहतर होगा।