लॉकडाउन में तीन में से एक महिला को महसूस हो रहा अकेलापन


कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में लगाए गए लॉकडाउन से महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ एसेक्स के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार तीन में से एक महिला लॉकडाउन में अकेलापन महसूस कर रही हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं ज्यादा हो रही है। 


बढ़ रही मानसिक समस्याएं-
महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत करने वालों की संख्या 7 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो गई है। वहीं, महिलाओं में यह दर 11 फीसदी से बढ़कर 27 फीसदी हो गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि घर में कामकाज और बच्चों की जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण महिलाओं पर ज्यादा दबाव है।


कोविड से पहले अलग थे हालात-
ऑनलाइन कम्युनिटी वुमेन इंटरेक्टिव द्वारा कराए गए एक सर्वे में पता चलता है कि महामारी से पहले पुरुष ज्यादा अकेला महसूस करते थे, लेकिन महामारी में महिलाओं ने ज्यादा अकेलापन महसूस किया। महामारी से पहले 22 फीसदी पुरुषों की तुलना में सिर्फ 18 फीसदी महिलाएं अकेला महसूस करती थीं। लेकिन, महामारी के दौरान 55 फीसदी पुरुषों की तुलना में 61 फीसदी महिलाओं ने अकेलापन महसूस किया।


महिलाओं पर ज्यादा दबाव-
लिंगभेद को महिलाओं के अकेलेपन का सबसे बड़ा कारण माना गया है। महिलाओं पर घर के कामकाज और बच्चों सहित बुजुर्गों की देखभाल करने की ज्यादा जिम्मेदारी होती है। घर के कार्यों में मदद न मिलने के कारण महिलाओं के अकेलेपन में 229 फीसदी की वृद्धि हुई। 


कैसे दूर करें अकेलापन-
- छोटी-छोटी बातों का बुरा ना मानें। एक-दूसरे से बातें करें और नकारात्मक बातों पर चर्चा कम करें।
- घर से बाहर तो नहीं निकल सकते लेकिन, छत,  बालकनी या घर के बगीचे में आकर खड़े हों। सूरज की रोशनी से भी अच्छा महसूस होता है।
- वीडियो चैट के जरिए अपनों से और दोस्तों से जुड़े रहे। 
-  इस समय का इस्तेमाल अपनी रुचि को पूरा करने में लगाएं। 
- अगर डर, उदासी और अकेलापन है तो अपने अंदर छुपाएं नहीं बल्कि परिजनों या दोस्तों के साथ साझा करें।