लखनऊ में 8 और में मिला कोरोना, कुल 677 संक्रम‍ित; 11 की मौत


लखनऊ । राजधानी में कोरोना का प्रसार जारी है। सीएम हेल्पलाइन दफ्तर के कर्मचारियों से अब उनके परिवारजन में भी संक्रमण फैलने लगा है। बुधवार को आठ और लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। वहीं, केजीएमयू में भर्ती राजधानी निवासी दो बुजुर्ग की मौत हो गई। ऐसे में राजधानी में अब संक्रमित मरीजों की संख्या 677 हो गई है। वहीं, मृतकों का आकड़ा 11 पहुंच गया है।


डालीगंज में संक्रमण का प्रसार


डालीगंज के मनकामेश्वर मंदिर वार्ड स्थित जोशी टोला में सीएम हेल्पलाइन दफ्तर में तैनात कर्मी रहती हैं। कुछ दिन पहले उसमें संक्रमण पाया गया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों के नमूने जांच के लिए भेजे गए। बुधवार को युवती की मां, पिता व चाची में वायरस की पुष्टि हुई है। ऐसे में डालीगंज में तीन नए कोरोना मरीज मिलने से मरीजों की संख्या पांच हो गई है।


कॉलसेंटर में कार्यरत युवती की बहन भी संक्रमित


इंदिरानगर सेक्टर-सी निवासी एक पुरुष और विन्रमखंड निवासी एक पत्रकार में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके अलावा केजीएमयू में मौलवीगंज की जिस बुजुर्ग की कोरोना से मौत हुई, उसके एक रिश्तेदार में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। चिनहट निवासी सीएम हेल्पलाइन दफ्तर में काम करने वाली संक्रमित युवती की बहन भी पॉजिटिव मिली है। इसके अलावा चौक में मेडिकल स्टोर संचालक संक्रमण की जद में आ गया है। संचालक ने निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराई है। वहीं, 493 लोगों के नमूने जांच के लिए केजीएमयू भेजा गया है।


पांचवें दिन किए जाएंगे कर्मचारियों के टेस्ट


सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, ईडी के जोनल कार्यालय व जिला कोर्ट में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए कर्मचारियों की सूची मांगी गई है। इनकी जांच पांचवें दिन करवाई जाएगी। जिसमें भी संक्रमण पाया गया। उसे आइसोलेट किया जाएगा।


ठीक होकर लौटे जीआरपी जवान


जीआरपी के छह और जवानों को बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाले प्रवासियों के लिए ड्यूटी पर तैनाती के दौरान यह सिपाही कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनको लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चारबाग स्टेशन पहुंचने पर सभी छह जीआरपी सिपाहियों का ताली बजाकर स्वागत किया गया।


तीन इलाके कंटेनमेंट जोन से बाहर, दो नए बने


राजधानी में मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के साथ कंटेनमेंट जोन का बढ़ना भी जारी है। बुधवार को तीन नए इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि दो क्षेत्रों को कंटेनमेंट सूची से बाहर भी कर दिया गया। सीएमओ प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि दुबग्गा स्थित चरक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर व आसपास इलाका, सदर का बाल्मीकि विहार और सुल्तानपुर रोड स्थित ओमेक्स रेजिडेंसी को बुधवार को कंटेनमेंट जोन से बाहर कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में पिछले 21 दिनों में कोई केस पॉजिटिव नहीं आया है। जबकि डालीगंज का जोशीटोला और मौलवीगंज इलाके को नया कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इन इलाकों में बैरिकेडिंग व सैनिटाइजेशन कराने का निर्देश दिया गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए भी इलाके में अभियान चलाया जाएगा। पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों के नमूने नमूना लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।


वीवीआइपी इलाके में कोरोना की दस्‍तक


राजधानी में पीएसी के जवानों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इससे वीवीआइपी इलाकों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। अब तक जितने जवान संक्रमित हुए हैं, वे सभी वीआइपी डयूटी में तैनात थे। इनमें सर्वाधिक बंदरियाबाग व कालीदास मार्ग के आसपास तैनात किए गए थे। इस बात की पुष्टि होने के बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अब तक 47वीं और 10वीं बटालियन पीएसी के कुल 129 जवानों को बीकेटी के अलग-अलग सेंटर में क्‍वारंटाइन किया गया है। पिछले कुछ दिनों में पीएसी के जवानों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। अब तक करीब 47 जवानों की रिपोर्ट पॉजीटिव आ चुकी है। इसके अलावा 100 से अधिक जवानों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, जिनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। पीएसी के जवानों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 47वीं बटालियन के जवान सात जून से राजधानी में डयूटी कर रहे थे। सुरक्षा के लिहाज से पीएसी के जवानों की ड्यूटी लगाने में सतर्कता बरती जा रही है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि पीएसी के जवानों में संक्रमण कहां से फैला है। इस दिशा में भी पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।


बिना मास्क के किसी को भी न आने दें अस्पताल: सीएमओ


शासन के निर्देश के बाद अब पूरी तरह से सीएचसी-पीएचसी व निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को शुरू कर दिया गया है। हालांकि राजधानी के सीएचसी-पीएचसी में ओपीडी की औपचारिक घोषणा भले ही नहीं हो, लेकिन ओपीडी की लगभग सभी सेवाएं मरीजों को करीब दो-तीन हफ्ते पहले से ही मिल रही हैं। यही हाल बलरामपुर व सिविल अस्पताल का भी है, जहां लगभग सभी ओपीडी सेवाएं चल रही हैं। निजी अस्पतालों में अभी इमरजेंसी सेवाएं ही चल रही थीं, लेकिन बुधवार से निजी व सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से शुरू कर दी गई। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने निजी व सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ को मास्क के साथ फेसशील्ड पहनने, सभी मरीजों व स्टाफ को शारीरिक दूरी व सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को सख्त निर्देश है कि जो मरीज बगैर मास्क के आए उसे अस्पताल के बाहर ही रोका जाए। उनके पास अंगौछा, रुमाल जो कुछ भी है उसे लगाने या फिर मास्क मुहैया कराने के बाद ही अस्पताल के अंदर आने दिया जाए। जो अस्पताल इसका पालन नहीं करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मरीजों को इलाज की पूरी सुविधा देने के साथ संक्रमण फैलने से रोकने के लिए समस्त गाइडलाइन का कड़ाई के पालन करें।


तीन निजी अस्पतालों के विभाग 24 घंटे के लिए सील


राजधानी के तीन निजी अस्पतालों के कई विभागों को कोरोना संक्रमण के चलते सीएमओ के निर्देश पर 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। इन अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज हुआ था। मरीज के संपर्क में आए डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की सूची भी सीएमओ कार्यालय की ओर से मांगी गई है। साथ ही उन्हें क्वारंटाइन रहने को भी कहा गया है। नियमानुसार पांचवें दिन सीधे संपर्क में आए लोगों के नमूने जांच को भेजे जाएंगे। एसीएमओ डॉ अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि गोमतीनगर स्थित डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल, फैजाबाद रोड स्थित सुषमा व एचएल हॉस्पिटल के कुछ विभागों को बंद किया गया है। यहां उन मरीजों का इलाज किया गया, जिनकी कोरोना रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आ गई।


बलरामपुर के आइसोलेशन से भागा कोरोना संदिग्ध


बलरामपुर जिला चिकित्सालय में बुधवार को एक अजीबोगरीब घटना घटी, जब यहां आइसोलेशन में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध मरीज मौका पाकर भाग निकला। पहले स्टाफ व आसपास के लोगों ने सोचा कि वाशरूम गया होगा, लेकिन जब काफी देर तक मरीज अपने बेड पर वापस नहीं आया तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। जब पता चला कि मरीज भाग गया तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। इसके बाद अस्पताल की ओर से वजीरगंज पुलिस को सूचना गई। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है। इमरजेंसी में मंगलवार को सुबह कोरोना के संदिग्ध लक्षणों वाला 32 वर्षीय युवक भर्ती किया गया था। बाद में उसे इमरजेंसी से आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। युवक हुसैनगंज के चुटकी भंडार इलाके का रहने वाला था। बुधवार दोपहर करीब पौने दो बजे वह चुपके से भाग गया। उसने जो मोबाइल नंबर दिया था। वह स्विच ऑफ बता रहा था। पता भी अधूरा लिखाया था। अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन का कहना है कि मरीज आइसोलेशन में भर्ती था। उसकी कोरोना की जांच होनी थी। कोरोना होने के डर से वह भाग गया।