क्या मास्क ने वाकई कर दिया है लिपस्टिक का जलवा खत्म


लिपस्टिक ऑन योर कॉलर टोल्ड ए टेल ऑन यू….प्रेम और बेवफाई को बयां करने वाला यह सदाबहार गाना महामारी काल में शायद सटीक नही बैठता है क्योंकि फिलहाल तो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क छाया हुआ है और लिपस्टिक एक तरह से फैशन से बाहर है।
     
देश धीरे-धीरे अप्रत्याशित बंद से बाहर आ रहा है। बंद की शुरुआत 25 मार्च से हुई थी। अब बंद खत्म होने के बाद लड़कियों और महिलाओं ने आलमारियों में बंद कपड़े और मेकअप का सामान बाहर निकालना तो शुरू किया लेकिन चेहरे पर मास्क के कब्जे की वजह से, लिपस्टिक अपना पुराना स्थान हासिल नहीं कर सकी।
     
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाया जा रहा मास्क चेहरे का बड़ा हिस्सा ढक लेता है। बंद में रियायतें मिलने के बाद फातिहा तैयबा जब घर से पहली बार बाहर निकलीं तो मेकअप के दौरान उन्होंने लिपस्टिक भी उठाई। लेकिन अनिवार्य तौर पर मास्क लगाने की वजह से शुरू में उन्हें लिपस्टिक लगाना सही नहीं लगा।
     
गुड़गांव की 25 वर्षीय इस स्टाइलिस्ट ने कहा, '' मास्क में ऐसे कपड़े होते हैं जो झुंझलाहट पैदा करते हैं। वह लगातार चेहरे से चिपके होते हैं और बार-बार कपड़े ओंठ से सट जाते हैं। हालांकि तैयबा कोरोना वायरस महामारी की वजह से खुद के फैशन में बदलाव नहीं करना चाहती थीं और उन्होंने मैट लिप कलर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
     
ऑनलाइन खरीदारी पोर्टल स्नैपडील की एक प्रवक्ता ने बताया कि सामान्य के मुकाबले पिछले दो महीने में लिपस्टिक की बिक्री घटी है। ज्यादातर उत्पादनकर्ताओं ने पास सटीक आंकड़े तो नहीं है लेकिन यह स्पष्ट है कि लिपस्टिक का चलन घटा है।
     
भारत में 'लॉरियाल पेरिस में ट्रेनर और मेकअप कलाकार स्टैफोर्ड बर्गंजा ने कहा कि ऐसा मास्क जब तक नहीं आ जाता जिससे चेहरा दिख सके, तब तक आंखें ही जरिया हैं। भारत में सौंदर्य प्रसाधनों से जुड़े सामान की बिक्री करने वाली कंपनी 'नायका का दावा है कि बंद के दौरान आंखों के मेकअप के लिए इस्तेमाल होने वाले आइशैडो उनके 'टॉप 5 से अब 'टॉप तीन में पहुंच गया है।
     
वहीं वेस्टसाइड स्टोर चेन के कॉस्मेटिक्स प्रमुख उमाशन नायडू ने कहा कि आंखों का मेकअप निश्चित तौर पर बढ़ने जा रहा है और सभी सौंदर्य ब्रांडों का जोर आखों वाले मेकअप के कारोबार पर होगा। हालांकि मेकअप बिरादरी में से कुछ का कहना है कि मास्क ने लिपस्टिक के जलवे को खत्म नहीं किया है बल्कि इस उद्योग को और अधिक रचनात्मक होने के अवसर दिए हैं।
     
नायडू ने कहा कि लिपस्टिक ने ऐसे कई 'युद्ध झेले हैं और फिर भी वह अपने आपको बचाने में सफल रही। वह खुद को विस्तार देते हुए आगे बढ़ती गई और मौजूदा समय में भी यही होगा। नायका की एक प्रवक्ता ने कहा कि ''लिपस्टिक, मेकअप मुखिया का अपना दर्जा एक बार फिर हासिल करेगी।