कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक भी हो गए, पता भी नहीं चला


बरेली । कोरोना वायरस का संक्रमण एक ओर जहां तेजी से बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर इसके लक्षण भी बदलते जा रहे हैं। कई बार तो लोगों को यह पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हो गया। कुछ ऐसा ही खुलासा बरेली में हुआ है। यहां तीन लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ और तीनों स्वस्थ भी हो गए। खास बात है कि वायरस से संक्रमित होने और फिर कोविड-19 निगेटिव होने तक उनको पता तक नहीं चला। यह खुलासा आईसीएमआर की सीरो प्रीविलेंस स्टडी में हुआ है। आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जिले में कम्यूनिटी स्प्रेड का कोई संकेत नहीं मिला है।


सीएमओ डा. वीके शुक्ल ने बताया कि बीते 17 और 18 मई को आईसीएमआर की टीम जिले में सीरो प्रीविलेंस स्टडी के लिए आई थी। टीम ने 10 इलाकों में दो दिन तक ब्लड सैंपल लिया था। इस स्टडी में कुल 408 लोगों का सैंपल लिया गया था। इसमें फतेहगंज पूर्वी, शीशगढ़, शहर के वार्ड नंबर 18 और 52, रिछौला चौधरी, अब्दानपुर समेत अन्य जगह शामिल थे। आईसीएमआर ने अपने सर्वे की रिपोर्ट भेज दी है। इसमें साफ है कि जिले में कम्यूनिटी स्प्रेड नहीं हुआ है। कुल 3 लोग ही कोरोना वायरस संक्रमण से पूर्व में प्रभावित हुए मिले थे। इस रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।


संक्रमितों में 30 फीसदी गुटखा-सिगरेट खाने पीने वाले
गुटखा- सिगरेट खाने-पीने वालों को कोरोना जल्दी पकड़ रहा है। इसकी लत वाले कानपुर में संक्रमण को लेकर बेहद संवेदनशील देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का जो आंकड़ा है उसके मुताबिक अभी तक जो भी कोरोना केस पॉजिटिव आए हैं उनमें 30 फीसदी यानी 220 से अधिक केस  गुटखा, सिगरेट वाले हैं या उनके घर के सदस्य सिगरेट, बीड़ी पीते हैं।


स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस पर विस्तृत अध्ययन चल रहा है। इसे लेकर पूरे विश्व के साथ कानपुर में चिंता बढ़ी है। सार्क देशों के डॉक्टर और वैज्ञानिक 30 जून को वेबिनार के जरिए मिले आंकड़ों पर मंथन करेंगे। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का यह प्रयास कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए बनाई जा रही रणनीति का बड़ा हिस्सा है। कानपुर में शहर के बच्चों के अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. राज तिलक रोकथाम के उपायों पर चर्चा करेंगे। मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. आरपी यादव का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर जो लोग संवेदनशील हैं उन्हें बचाने से संक्रमण के फैलाव पर लगाम लगेगी। तम्बाकू सेवन जानलेवा साबित हो रहा है।  इस दिशा में काम हो रहा है आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।