कोरोना तंदुरुस्त इंसान को भी बना सकता है शुगर का शिकार

अध्ययन के मुताबिक मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और संक्रमण से मृत्यु होने का खतरा ज्यादा होता है।



ये समय कोविड-19 से डरने का नहीं, बल्कि हिम्मत से अपना बचाव करने का वक्त है। हालांकि, कोविड-19 तंदुरुस्त आदमी को भी शुगर का शिकार बना सकता है। कोरोनावायरस पर किए गए अध्ययन में ये बात सामने आई है। इस महामारी के 17 विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने दावा किया है कि कोविड-19 न सिर्फ स्वस्थ्य लोगों को मधुमेह से ग्रस्त कर सकती है, बल्कि पहले से मधुमेह के रोगियों में परेशानियां और जटिलताएं बढ़ा सकता है।


ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन की स्टेफनी ए. एमिल सहित ग्रुप के सभी वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक किए गए नैदानिक विश्लेषणों के अनुसार, कोविड-19 और मधुमेह के बीच द्वीपक्षीय संबंध है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अनुसंधान में उन्होंने बताया है कि एक ओर मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और संक्रमण से मृत्यु का खतरा ज्यादा होता है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि कोविड-19 से मरने वालों में 20 से 30 प्रतिशत मधुमेह से ग्रस्त थे।


अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हुए व्यक्ति को मधुमेह हो सकता है तथा उसकी पाचन क्रिया में गड़बड़ियां हो सकती हैं और वो जानलेवा भी हो सकती हैं। अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस के साथ जुड़ने वाला और उसे मानव कोशिका में प्रवेश का रास्ता देने वाला एसीई-2 प्रोटीन सिर्फ फेफड़ों में नहीं, बल्कि अन्य अंगों और ग्लूकोज के पाचन में शामिल उत्तकों, जैसे अग्न्याशय, छोटी आंत, वसा उत्तक, यकृत और गुर्दे में भी होता है।


अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन उत्तकों में प्रवेश करके वायरस ग्लूकोज के पाचन में जटिल गड़बड़ियां पैदा कर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संभव है कि कोरोना वायरस ग्लूकोज की पाचन प्रक्रिया को बदल दे, जिससे पहले से मधुमेह से ग्रस्त लोगों में जटिलताएं बढ़ जाएं या फिर किसी नई बीमारी का खतरा पैदा हो जाए। किंग्स कॉलेज लंदन में मेटाबॉलिक सर्जरी के प्रोफेसर फ्रांसेस्को रुबिनो ने कहा कि मधुमेह सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी है और दो महामारियों के कारण उत्पन्न जटिलताओं की दिक्कतें हमें अब समझ आ रही हैं।