कोरोना संक्रमण में तेजी रोकने के लिए केंद्र में कवायद तेज


नई दिल्ली । देश में लॉकडाउन के बाद भारी भरकम आर्थिक पैकेज के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के सरकार के मंसूबों पर कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार ने बड़ा झटका दिया है। हालात को संभालने के लिए केंद्र में कवायद शुरु हो गई है और उच्चाधिकार प्राप्त समूहों से अनलॉक एक के दौरान के हालतों पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। ऐसे में जल्द नए दिशा निर्देश आने की संभावना है। एक जून के बाद दिल्ली, मुंबई समेत कई क्षेत्रों में न केवल संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, बल्कि मौतों के आंकड़े भी सरकार के लिए परेशानी का सबब बने हैं। इससे केंद्र की रणनीति को भी झटका लगा है।


सरकार में अनलॉक वन के दौरान की स्थितियों का गंभीरता से अध्ययन किया जा रहा है और भावी रणनीति की तैयारी की जा रही है।  सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार में उच्च अधिकार प्राप्त विशेष दल स्थिति पर न केवल निगरानी रखे हुए हैं, बल्कि हर राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के आंकड़ों पर मंथन भी कर रहे हैं। सबसे बदतर हालत दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों की है जिनसे पूरे देश में गलत संदेश जा रहा है और सरकार की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हुए हैं।


कई राज्यों से लॉकडाउन की मांग आने लगी है। मध्य प्रदेश में भोपाल में शनिवार व रविवार को लॉक डाउन की घोषणा की गई है। महाराष्ट्र सरकार ने भी लोगों को इस बारे में चेतावनी दी है। ऐसे में केंद्र के सामने सबसे बड़ी दुविधा यही है कि वह फिर से लॉकडाउन की तरफ लौटे या फिर मौजूदा स्थितियों में भी नए तौर-तरीकों से हालात को नियंत्रित करें। राज्य भी ऐसे हालात में केंद्र की तरफ देख रहे हैं।


केंद्र सरकार और राज्यों के बीच जल्दी उच्चस्तरीय विचार-विमर्श हो सकता है जिसमें अनलॉक एक के दौरान बिगड़े हालातों को थामने के उपायों पर चर्चा के साथ नए दिशा निर्देशों की तैयारी की जा सकती है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के संपर्क में है, लेकिन अब विभिन्न स्तरों पर एक साथ कदम उठाने की जरूरत महसूस हो रही है। केंद्र सरकार के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि जल्दी ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो जुलाई माह में हालात और बदतर हो जाएंगे।