कमजोर है शनि तो नहीं करने चाहिए यह काम

शनि द्वारा हमारे जीवन की बहुत महत्वपूर्ण चीजें नियंत्रित होती हैं। अगर आपकी कुंडली में शनि कमजोर हो, नीच राशि (मेष) में हो, दुख भाव में हो या शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो तो ऐसे में हमारे जीवन में बहुत सी समस्याएं आती है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर हो तो ऐसे में व्यक्ति को पाचन तन्त्र और पेट से जुडी समस्याएं लगी ही रहती हैं। जोड़ों का दर्द, दांतों तथा नाखूनों से जुड़ी समस्याएं भी अक्सर परेशान करती हैं। शनि का कमजोर या पीड़ित होना व्यक्ति की आजीविका या कॅरियर को बाधित करता है। कॅरियर को लेकर संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। कॅरियर में स्थिरता नहीं आ पाती और मेहनत करने पर भी व्यक्ति को अपनी प्रोफेशनल लाइफ में अपनी मेहनत के अनुसार परिणाम नहीं मिल पाते। जो लोग राजनैतिक क्षेत्र में आगे जाना चाहते हैं उनके लिए भी कमजोर शनि संघर्ष उत्पन्न करता है।

राजनीति और सत्ता का सीधा कारक सूर्य को माना गया है। शनि जनता और जनसमर्थन का कारक होता है। इस कारण राजनैतिक सफलता में शनि की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कुंडली में शनि कमजोर या पीड़ित होने से व्यक्ति को जनता का अच्छा सहयोग और जनसमर्थन नहीं मिल पाता जिससे व्यक्ति सीधे चुनावी राजनीती में सफल नहीं हो पाता या बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ता है। कुंडली में शनि कमजोर होने पर व्यक्ति को कार्यों के लिए अच्छे कर्मचारी या नौकर नहीं मिल पाते।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बिजनेस या व्यापार में सफलता के अच्छे योग हों पर शनि कमजोर हो तो ऐसे में लोहा, स्टील, कांच, पुर्जे, पेंट्स, केमिकल प्रोडक्ट्स का काम नहीं करना चाहिए। यदि शनि कुंडली के छटे या अष्टम भाव में हो तो ऐसे में शनि दशा स्वास्थ्‍य कष्ट और संघर्ष उत्पन्न करने वाली होती है और शनि अगर कुंडली के बारहवें भाव में हो तो शनि की दशा धन खर्च और धन हानि को बढ़ाती है। अगर कुंडली में शनि कमजोर हो पर बृहस्पति से दृष्ट हो तो समस्याएं बड़ा रूप नहीं लेती और उनका समाधान होता रहता है।

 

कमजोर शनि के यह करिये उपाय-
-ॐ शम शनैश्चराय नमः का जप करें।
-साबुत उड़द का दान करें।
-शनिवार को पीपल पर सरसों के तेल का दिया जलायें।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)