जिंदगी ही नहीं पिता बनने की खुशी भी छीन सकता है कोरोना


कोरोना वायरस पिता बनने की खुशी छीन सकता है। एक चीनी शोध में इसके गुप्तांग में शुक्राणुओं का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करने की बात सामने आई है। बीजिंग स्थित गॉन्गी मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं ने बताया कि सार्स-कोव-2 वायरस अमूमन पुरुषों के गुप्तांग को तो नहीं संक्रमित करता, लेकिन यह उनमें मौजूद कोशिकाओं में सूजन का सबब जरूर बन सकता है, जिससे उनका आकार बिगड़ जाता है। शुक्राणुओं के उत्पादन और रखरखाव का जिम्मा संभालने वाले ‘सेमिनिफेरस ट्यूब्यूल्स’ पर कोरोना का दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है, जो मरीज के संक्रमण से उबरने के बाद भी दूर नहीं होता। यानी ठीक होकर घर लौटने के बाद पुरुषों को संतानोत्पत्ति की क्षमता में कमी की शिकायत सता सकती है।


सिर्फ एक संक्रमित के गुप्तांग में मिला वायरस
-शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण से दम तोड़ने वाले 12 संक्रमितों के गुप्तांग में मौजूद ऊतकों की जांच की। इस दौरान सिर्फ एक संक्रमित के गुप्तांग में सार्स-कोव-2 के अंश मिले। वहीं, फेफड़ों की बात करें तो दस संक्रमितों में वायरस की मौजूदगी दर्ज की गई।


‘सर्टोली कोशिकाओं’ में बदलाव चिंताजनक
-माइक्रोस्कोपिक विश्लेषण के दौरान ‘सेमिनिफेरस ट्यूब्यूल्स’ में स्वस्थ शुक्राणुओं का उत्पादन सुनिश्चित करने वाली ‘सर्टोली कोशिकाओं’ में सबसे ज्यादा सूजन दिखी। इससे शोधकर्ताओं को मरीज के ठीक होने के बाद भी सामान्य रूप से शुक्राणु न पैदा होने की चिंता सता रही।


ठीक होने के बाद भी कुछ दिन संबंध बनाने से बचें
-‘जर्नल यूरोपियन यूरोलॉजी’ में प्रकाशित शोध के मुताबिक पुरुषों के गुप्तांग में स्थित कुछ कोशिकाओं में ‘एसीई-2’ रिसेप्टर पाए गए हैं। ये वही रिसेप्टर हैं, जो फेफड़ों पर हमला करने में वायरस की मदद करते हैं। ऐसे में ठीक होने के बाद कुछ दिन संबंध बनाने से बचना चाहिए।


‘लेडिग कोशिकाओं’ की संख्या बेहद कम
-कोविड-19 से जूझ रहे पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए जरूरी हार्मोन का स्त्राव करने वाली ‘लेडिग कोशिकाएं’ भी बेहद कम संख्या में मिलीं। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाना इसकी मुख्य वजह हो सकता है। इससे ‘सर्टोली कोशिकाओं’ की क्रिया भी प्रभावित होती है।